दुल्हन के साथ सरकार की ओर से नकदी भी दी जाए तो किसे अच्छा नहीं लगेगा। बाल विवाहों के लिए चर्चित राजस्थान जैसे राज्य में इस पर नियंत्रण व आबादी में वृद्धि थामने के प्रयास बतौर केन्द्र सरकार की एक योजना के लिए जिले की गोपालपुरा ग्राम पंचायत का चयन किया गया है। चूरू जिले की गोपालपुरा ग्राम पंचायत में प्रयोग के तौर पर इस योजना को शुरू किया जाना है। गोपालपुरा ग्राम पंचायत को इस योजना के क्रियान्वयन में सफलता मिलती है तो केन्द्र सरकार की इस योजना (जनसंख्या नियंत्रण कोष)को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।ये है योजनायोजना के तहत चयनित ग्राम पंचायत की लड़की की 19 वर्ष की उम्र में शादी की जाती है अथवा इसी पंचायत का लड़का 19 वर्ष की दुल्हन लाता है तो उन्हें ग्राम पंचायत की ओर से 11 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रुप में दिए जाएंगे। यह दम्पति शादी के तीन साल बाद पहली संतान को जन्म देता है तो लड़की के जन्म पर 11 हजार रुपए तथा लड़के के जन्म पर 5 हजार रुपए की एफडी करवाई जाएगी। ठीक तीन साल के अंतराल के बाद दूसरी संतान होने और महिला द्वारा नसबंदी करवाने पर ग्राम पंचायत की ओर से इनकी संतान की दूसरी बार भी उतनी ही राशि की एफडी करवाई जाएगी।
इनको मिलेगा लाभ
योजना का लाभ बीपीएल परिवार की दुल्हन व दूल्हे को दिया जाएगा। एपीएल परिवार की दुल्हन व दूल्हे को ग्राम पंचायत में विचार-विर्मश करने के बाद इसका लाभ दिया जाएगा। योजना पांच साल तक लागू रहेगी। ग्राम पंचायत की ओर से इसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यशाला व शिविर भी लगाएं जाएंगे। जिसका संपूर्ण खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जाएगा।
ये होंगे परिणाम
बाल विवाह में कमी करने में योजना कारगर साबित होगी। साथ ही जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा। महिलाओं में परिपक्व उम्र में मां बनने का रुझान बढ़ेगा। योजना का सबसे अधिक लाभ बीपीएल परिवारों को मिलेगा। प्रोत्साहन राशि लड़की के विवाह में आर्थिक सम्बल प्रदान करेगी।
इनका कहना है
26 नवम्बर को दिल्ली में हुई एक कार्यशाला में गोपालपुरा का चयन किया गया था। योजना का प्लान बनाकर भेजा जा चुका है। अब जल्द ही योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।-सविता राठी, सरपंच,गोपालपुरा
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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