चूरू, 20 सितम्बर। सादुलपुर-रतनगढ़ के बीच आमान परिवर्तन की राह में नए फाटक की मांग रोड़ा बन गई हैं। सादुलपुर के गांव डोकवा व तारानगर के गांव हडिय़ाल में ग्रामीण ब्रॉडगेज की राह रोके बैठे हैं। फाटक स्वीकृत नहीं होने तक ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं जबकि रेलवे अधिकारी मांग के सामने लाचार हैं।रेलवे ने विवादित स्थान को छोड़ आमान परिवर्तन की गाड़ी भले आगे बढ़ा ली है, पर ऐसे में रेल पटरियों पर धरना देकर बैठे ग्रामीणों के हटे बिना रेल सेवा का लाभ तय समय पर मिलना मुश्किल हो चला है। आखिर ग्रामीणों की समस्या का समाधान क्यों नहीं हो पा रहा है...? रेलवे को किन परेशानियों से जूझना पड़ेगा ? क्या हो सकता है समस्या का समाधान? आदि सवाल आमजन को कुरेदने लगे है।
पत्रिका ने इन सवालों पर पड़ताल की तो कुछ यूं बनी उम्मीद।एक करोड़ रुपए की दरकारपटरियों पर नया फाटक स्वीकृत करवाने वाले को रेलवे में कम से कम एक करोड़ रुपए एक मुश्त जमा कराने पड़ते हैं। यह राशि राज्य सरकार, नगरपालिका, पंचायत, सार्वजनिक निर्माण विभाग या जनप्रतिनिधि कोटे से जमा करवाई जा सकती है। गत वर्ष सादुलपुर-रेवाड़ी के बीच गांव कालरी में एमपी कोटे व सादुलपुर-हिसार के बीच गांव इंदासर के पास राज्य सरकार के सहयोग से नया फाटक खुलवाया गया था।
दीपावली तक लाना है इंजन
सादुलपुर से रतनगढ़ के बीच करीब सौ किलोमीटर लम्बे ट्रेक पर रेल प्रशासन दीपावली से पहले ब्रॉडगेज इंजन बतौर ट्रायल दौड़ाना चाहता है क्योंकि आमान परिवर्तन में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व बिहार के एक हजार व पांच सौ स्थानीय श्रमिक लगे हुए हैं। दीपावली पर श्रमिकों के घर जाने से पहले बड़ी लाइन बिछाने का काम पूरा होने पर ही मार्च 2010 तक ब्रॉडगेज ट्रेनों की सुविधा मुहैया हो सकेगी।
ना उखाडऩे दी ना बिछाने
आधिकारिक जानकारी के अनुसार हडिय़ाल टमकोर मार्ग पर फाटक की मांग पर अड़े ग्रामीणों ने बड़ी लाइन नहीं बिछाने दी है जबकि डोकवा में दो-तीन किलोमीटर में मीटरगेज लाइनों को ही उखाड़ा नहीं जा सका। ग्रामीणों के प्रदर्शन के चलते हडिय़ाल-टमकोर मार्ग पर करीब अस्सी मीटर में बिना आमान परिवर्तन के श्रमिक आगे बढ़ चुके हैं।
-----हम ग्रामीणों की मांग मानने को तैयार हैं मगर रेलवे नियमों के अनुसार करीब एक करोड़ रुपए एक मुश्त जमा कराने होंगे। यह राशि चाहे पंचायत जमा करवाए या राज्य सरकार या फिर कोई जनप्रतिनिधि। आमान परिवर्तन की राह में ग्रामीण यूं रोड़े बने रहे तो क्षेत्रवासियों को ब्रॉडगेज का लाभ मिलने में देरी होगी।
-एनके शर्मा, उप मुख्य अभियंता, उत्तर-पश्चिम रेलवे, बीकानेर
------आमान परिवर्तन के कारण रेलवे के पोल संख्या 246 /5-6 पर हडिय़ाल-टमकोर का रास्ता बंद हो हो गया है। इससे आस-पास के पचास गांवों के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलमंत्री ममता बनर्जी को रेलवे के खर्च पर हडिय़ाल टमकोर मार्ग पर फाटक बनवाने के लिए लिखा गया है। लोगों की समस्या का समाधान जल्द ही होगा।
-नरेन्द्र बुडानिया, सांसद, चूरू
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इस सम्बन्ध में सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग को अवगत करा दिया गया है। समस्या के हल के लिए प्रशासनिक दृष्टि से पूरे प्रयास किए जा रहे हैंं। शीघ्र ही परिणाम सामने आएंगे।
-डा।केके पाठक,कलक्टर, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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