54वीं राज्यस्तरीय 19 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता जीत
चूरू। गांव में हॉकी खेलने की शुरूआत करने वाली चूरू की बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। बेटियों ने जालोर के खेल स्टेडियम में शुक्रवार को 54वीं राज्यस्तरीय 19 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता जीत ली है। सुबह नौ बजे खेले गए फाइनल मुकाबले में जिले की टीम ने सीकर को दो-एक से हराया। जोश और उत्साह से लबरेज जिले की टीम अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत पहली बार 19 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता पर कब्जा जमाने में कामयाब हुई है। इससे पहले चूरू की टीम 1999 में तीसरे स्थान पर रही थी। जिले में शुक्रवार को टीम के जीत की सूचना मिलते ही खेल प्रेमियों व शिक्षा महकमे में खुशी की लहर दौड़ गई। विजेता टीम संभवतया शनिवार को चूरू आएगी। शिक्षा विभाग और विभिन्न संगठनों की ओर से टीम का शानदार स्वागत किया जाएगा। साहवा की सरोज पारीक की कप्तानी में जिले की टीम ने प्रदेशभर की 16 टीमों को पीछे छोड़कर प्रतियोगिता का ताज हथियाया है।कोच जसवंत राव, हाकम अली, दल प्रभारी महेन्द्र प्रजापत व प्रबंधक चन्द्रकला चाहर के नेतृत्व में टीम जालौर गई थी। इसमें 16 सदस्य थे। प्रतियोगिता में 13 सितम्बर से अंतिम गोल तक चूरू की टीम का दबदबा रहा। उद्घाटन मैच में टीम ने गत वर्ष की विजेता अजमेर को दो-शून्य से हराया। इसके अलावा अजमेर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़ और भीलवाड़ा के सामने जीत दर्ज की।
पांच मिनट में दागे दो गोल
हाकम अली ने पत्रिका को दूरभाष पर बताया कि टीम ने फाइनल मैच में दो गोल दागे और दोनों ही गोल सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी रमनदीप की हॉकी से निकले। मैच शुरू होने के दस मिनट बाद सीकर ने एक गोल दागकर बढ़त हासिल की। चूरू टीम ने हिम्मत नहीं हारी और मैच पर पकड़ बनाए रखी। हॉफ टाइम के बाद मैच के शुरूआती पांच मिनट में चूरू की रमनदीप ने पांच मिनट में एक के बाद एक गोल दागकर जीत की इबादत लिखी। गोलकीपर सुचित्रा को बेस्ट प्लेयर का पुरस्कार दिया गया है।
अपनों ने लगाया गले
राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का खिताब जीतने की सूचना मिलते जालौर में रह रहे चूरू के लोगों ने टीम को हाथों में उठा लिया। जालौर में बीएसएनएल में कार्यरत चूरू तहसील के गांव लोसनाबड़ा के जयसिंह पूनियां ने खिलाडियों को नाश्ता और गोविन्द राम शर्मा ने भोजन करवाया। जालौर कोतवाली में तैनात गांव बेवड़ निवासी हैड कॉस्टेबल विनोद पूनियां ने भी टीम को भोजन के लिए आमंत्रित किया। दूसरे जिले में अपनों का प्यार पाकर खिलाड़ी निहाल हो गए।
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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