शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम
जिले में दस हजार से अधिक विद्यार्थी रोगग्रस्त
चूरू, 14 दिसम्बर। पेट में कीड़े कुलबुलाएं, शरीर को बार-बार खुजाना पड़े, फोड़े-फुंसी पर मक्खियां भिनभिनातीं रहे, दांत व कान में दर्द हो और नजर हो कमजोर। ऐसे में पढ़ाई का माहौल बने तो आखिर कैसे?। ऐसी समस्याओं से जिले में एक नहीं बल्कि दस हजार से अधिक विद्यार्थियों को जूझना पड़ रहा है। बात भले ही गले नहीं उतर रही हो मगर शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम 09-10 की रिपोर्ट तो यही कहती है।
कार्यक्रम के तहत 17 नवम्बर से 12 दिसम्बर तक जिलेभर के प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। परीक्षण में सामने आया कि छोटी-छोटी बीमारियां विद्यार्थियों की पढ़ाई का गणित बैठाने में बाधा बन रही हैं। ऐसे में अस्वस्थ पाए गए विद्यार्थियों को मौके पर दवा देने के साथ ही सौ विद्यार्थियों को अस्पताल में तत्काल इलाज करवाने की सलाह दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत चिकित्सा विभाग के सहयोग से चलाए गए कार्यक्रम के तहत चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, जीएनएम व एलएचवी की टीम ने विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परखा है।
डेढ़ लाख से अधिक का परीक्षण
प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के तहत जिलेभर के एक लाख 58 हजार 686 से अधिक विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। इनमें दस हजार 204 विद्यार्थी अस्वस्थ्य पाए गए। इनके अलावा चूरू में 8 1, राजगढ़ में 17 तथा तारानगर में दो विद्यार्थियों को उपचार के लिए अस्पताल में रेफर किया है। फिलहाल कुछेक टीमों की रिपोर्ट आनी शेष है। ऐसे में अस्वस्थ बच्चों की संख्या में इजाफा होने का अनुमान है।
स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार
विद्यार्थियों के खराब स्वास्थ्य के संबंध में परिजनों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार है। कई स्कूलों में पेयजल टंकियों की साफ-सफाई के प्रति गंभीरता का अभाव है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों जलदाय विभाग ने जलमणि कार्यक्रम के तहत चूरू व तारानगर ब्लॉक के 256 राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पीने के पानी की जांच कराई तो 99 विद्यालयों का पानी शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा। 47 विद्यालयों के पानी में जीवाणु पाए गए तथा 52 विद्यालयों के पानी में वांछित रसायनों की मात्रा गड़बड़ मिली।
जिले में दस हजार से अधिक विद्यार्थी रोगग्रस्त
चूरू, 14 दिसम्बर। पेट में कीड़े कुलबुलाएं, शरीर को बार-बार खुजाना पड़े, फोड़े-फुंसी पर मक्खियां भिनभिनातीं रहे, दांत व कान में दर्द हो और नजर हो कमजोर। ऐसे में पढ़ाई का माहौल बने तो आखिर कैसे?। ऐसी समस्याओं से जिले में एक नहीं बल्कि दस हजार से अधिक विद्यार्थियों को जूझना पड़ रहा है। बात भले ही गले नहीं उतर रही हो मगर शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम 09-10 की रिपोर्ट तो यही कहती है।
कार्यक्रम के तहत 17 नवम्बर से 12 दिसम्बर तक जिलेभर के प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। परीक्षण में सामने आया कि छोटी-छोटी बीमारियां विद्यार्थियों की पढ़ाई का गणित बैठाने में बाधा बन रही हैं। ऐसे में अस्वस्थ पाए गए विद्यार्थियों को मौके पर दवा देने के साथ ही सौ विद्यार्थियों को अस्पताल में तत्काल इलाज करवाने की सलाह दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत चिकित्सा विभाग के सहयोग से चलाए गए कार्यक्रम के तहत चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, जीएनएम व एलएचवी की टीम ने विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परखा है।
डेढ़ लाख से अधिक का परीक्षण
प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के तहत जिलेभर के एक लाख 58 हजार 686 से अधिक विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। इनमें दस हजार 204 विद्यार्थी अस्वस्थ्य पाए गए। इनके अलावा चूरू में 8 1, राजगढ़ में 17 तथा तारानगर में दो विद्यार्थियों को उपचार के लिए अस्पताल में रेफर किया है। फिलहाल कुछेक टीमों की रिपोर्ट आनी शेष है। ऐसे में अस्वस्थ बच्चों की संख्या में इजाफा होने का अनुमान है।
स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार
विद्यार्थियों के खराब स्वास्थ्य के संबंध में परिजनों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार है। कई स्कूलों में पेयजल टंकियों की साफ-सफाई के प्रति गंभीरता का अभाव है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों जलदाय विभाग ने जलमणि कार्यक्रम के तहत चूरू व तारानगर ब्लॉक के 256 राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पीने के पानी की जांच कराई तो 99 विद्यालयों का पानी शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा। 47 विद्यालयों के पानी में जीवाणु पाए गए तथा 52 विद्यालयों के पानी में वांछित रसायनों की मात्रा गड़बड़ मिली।
आंकड़ों की जुबानी (बीसीएमएचओ कार्यालयों के अनुसार)
ब्लॉक-----जांच-----अस्वस्थ-----रेफर
चूरू------19579---1687------81
राजगढ़----17471---1253------17
तारानगर---19945---2054------2
सुजानगढ़---33198---2456------0
सरदारशहर--40281---1174-----0
रतनगढ़----28212---1580------0
इन रोगों से पीडि़त
रोग--------विद्यार्थी
खून की कमी--1674
पेट में कीड़े----515
कान बहना-----596
रतौंधी--------88
फोड़े-फुंसी-----1625
खाज खुजली---991
नेत्र पीड़ा-----477
दंत पीड़ा-----506
अन्य-------3732
कुल -------10204
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कार्यक्रम के तहत हजारों विद्यार्थी अस्वस्थ पाए गए हैं। समस्त बच्चों को मौके पर ही दवा दे दी गई। जिन विद्यालयों में अस्वस्थ विद्यार्थियों की संख्या अधिक पाई गई है, उनमें पानी की टंकी व कक्षा कक्षों में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था करने के लिए संस्था प्रधानों को निर्देश दिए जाएंगे।
-ओम प्रकाश जांगिड़, जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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