राज्य में 15 अगस्त से लागू होगा ई-मस्टररोल
सबसे पहले चूरू ने किया था जारी
चूरू। महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना में मस्टररोल के जरिए होने वाली गड़बड़ी के सारे सुराख जल्द ही बंद हो जाएंगे। अब मस्टररोल में ना तो श्रमिकों के फर्जी नाम लिखे जा सकेंगे और ना ही हाजिरी में कांट-छांट की जा सकेगी। यह सब ई-मस्टररोल से संभव होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग आगामी 15 अगस्त से प्रदेशभर में ई-मस्टररोल व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
राज्य में पहली बार ई-मस्टररोल गत वर्ष सितम्बर में चूरू जिला प्रशासन की ओर से अपने सुजानगढ़ ब्लॉक में जारी किया गया था। चूरू जिले में ई-मस्टररोल की सफलता के बाद विभाग ने इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करने का निर्णय किया है। विभाग ने ग्राम सेवक, ग्राम रोजगार सहायक, मेटों व अन्य संबंधित व्यक्तियों को ई-मस्टररोल व्यवस्था का प्रशिक्षण देने के लिए समस्त जिलों को मार्गदर्शिका भी भेजी है।
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अक्टूबर से होगा अनिवार्य
महानरेगा में 16 अगस्त से शुरू होने वाले पखवाड़़े से जिले की एक पंचायत समिति में ई-मस्टररोल जारी करना होगा। वहां पर पायलट के रूप में यह व्यवस्था 15 सितम्बर तक चलेगी। इस अवधि के अनुभव के आधार पर एक अक्टूबर से शुरू होने वाले पखवाड़े से सम्पूर्ण जिले में ई-मस्टररोल जारी होंगे।
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यूं कसी जाएगी लगाम
फिलहाल नरेगा में श्रमिकों की मांग के आधार पर पंचायत समिति कार्यालय से कार्य का नाम व अवधि अंकित कर मस्टररोल जारी किए जाते हैं। जिनमें मेट मस्टररोल में श्रमिकों के नाम दर्ज कर हाजिरी भरता है। मस्टररोल में श्रमिकों के फर्जी नाम व हाजिरी में गड़बड़ी कर नरेगा की राशि डकारने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ई-मस्टररोल भी साधारण मस्टररोल की तरह ही होगा, लेकिन इसे जारी करते समय श्रमिक का नाम, परिवार का बीपीएल नम्बर, मुखिया का नाम और काम की अवधि कम्प्यूटर से दर्ज की जाएगी।
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बैकलॉग भी नहीं रहेगा
ई-मस्टररोल जारी होने से मैनेजमेंट इंर्फोमेशन सिस्टम (एमआईएस) में मस्टररोल डाटा फीडिंग का बैकलॉग भी नहीं रहेगा। साधारण मस्टररोल से कम्प्यूटर में श्रमिकों के तमाम डाटा फीड करने में करीब डेढ़ माह तक बैकलॉग रहता है। जिससे नरेगा में बजट जारी होने में देरी होती है। ई-मस्टररोल में श्रमिकों की अधिकांश सूचनाएं पहले से ही दर्ज होने के कारण पखवाड़ा पूर्ण होने के दूसरे ही दिन एमआईएस में डाटा फीड किए जा सकेंगे।
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महानरेगा में ई-मस्टररोल लागू करने के संबंध में समस्त जिलों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अगस्त व सितम्बर में इसे पायलट के रूप में लागू कर एक अक्टूबर से अनिवार्य किया जाएगा।इससे निश्चित रूप से मस्टररोल में की जाने वाले गड़बडिय़ां रोकी जा सकेगी।
-तन्मय कुमार, आयुक्त, महानरेगा
मस्टररोल के माध्यम से नरेगा में गड़बड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए पिछले साल सितम्बर में चूरू ने सुजानगढ़ ब्लॉक में राज्य में पहला ई-मस्टररोल जारी किया था। बाद में इसका सॉफ्टवेयर जोधपुर को भी उपलब्ध करवाया गया। अब यह व्यवस्था प्रदेशभर में लागू होने जा रही है।
-डा.केके पाठक, जिला कलक्टर, चूरू
सबसे पहले चूरू ने किया था जारी
चूरू। महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना में मस्टररोल के जरिए होने वाली गड़बड़ी के सारे सुराख जल्द ही बंद हो जाएंगे। अब मस्टररोल में ना तो श्रमिकों के फर्जी नाम लिखे जा सकेंगे और ना ही हाजिरी में कांट-छांट की जा सकेगी। यह सब ई-मस्टररोल से संभव होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग आगामी 15 अगस्त से प्रदेशभर में ई-मस्टररोल व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
राज्य में पहली बार ई-मस्टररोल गत वर्ष सितम्बर में चूरू जिला प्रशासन की ओर से अपने सुजानगढ़ ब्लॉक में जारी किया गया था। चूरू जिले में ई-मस्टररोल की सफलता के बाद विभाग ने इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करने का निर्णय किया है। विभाग ने ग्राम सेवक, ग्राम रोजगार सहायक, मेटों व अन्य संबंधित व्यक्तियों को ई-मस्टररोल व्यवस्था का प्रशिक्षण देने के लिए समस्त जिलों को मार्गदर्शिका भी भेजी है।
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अक्टूबर से होगा अनिवार्य
महानरेगा में 16 अगस्त से शुरू होने वाले पखवाड़़े से जिले की एक पंचायत समिति में ई-मस्टररोल जारी करना होगा। वहां पर पायलट के रूप में यह व्यवस्था 15 सितम्बर तक चलेगी। इस अवधि के अनुभव के आधार पर एक अक्टूबर से शुरू होने वाले पखवाड़े से सम्पूर्ण जिले में ई-मस्टररोल जारी होंगे।
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यूं कसी जाएगी लगाम
फिलहाल नरेगा में श्रमिकों की मांग के आधार पर पंचायत समिति कार्यालय से कार्य का नाम व अवधि अंकित कर मस्टररोल जारी किए जाते हैं। जिनमें मेट मस्टररोल में श्रमिकों के नाम दर्ज कर हाजिरी भरता है। मस्टररोल में श्रमिकों के फर्जी नाम व हाजिरी में गड़बड़ी कर नरेगा की राशि डकारने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ई-मस्टररोल भी साधारण मस्टररोल की तरह ही होगा, लेकिन इसे जारी करते समय श्रमिक का नाम, परिवार का बीपीएल नम्बर, मुखिया का नाम और काम की अवधि कम्प्यूटर से दर्ज की जाएगी।
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बैकलॉग भी नहीं रहेगा
ई-मस्टररोल जारी होने से मैनेजमेंट इंर्फोमेशन सिस्टम (एमआईएस) में मस्टररोल डाटा फीडिंग का बैकलॉग भी नहीं रहेगा। साधारण मस्टररोल से कम्प्यूटर में श्रमिकों के तमाम डाटा फीड करने में करीब डेढ़ माह तक बैकलॉग रहता है। जिससे नरेगा में बजट जारी होने में देरी होती है। ई-मस्टररोल में श्रमिकों की अधिकांश सूचनाएं पहले से ही दर्ज होने के कारण पखवाड़ा पूर्ण होने के दूसरे ही दिन एमआईएस में डाटा फीड किए जा सकेंगे।
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महानरेगा में ई-मस्टररोल लागू करने के संबंध में समस्त जिलों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अगस्त व सितम्बर में इसे पायलट के रूप में लागू कर एक अक्टूबर से अनिवार्य किया जाएगा।इससे निश्चित रूप से मस्टररोल में की जाने वाले गड़बडिय़ां रोकी जा सकेगी।
-तन्मय कुमार, आयुक्त, महानरेगा
मस्टररोल के माध्यम से नरेगा में गड़बड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए पिछले साल सितम्बर में चूरू ने सुजानगढ़ ब्लॉक में राज्य में पहला ई-मस्टररोल जारी किया था। बाद में इसका सॉफ्टवेयर जोधपुर को भी उपलब्ध करवाया गया। अब यह व्यवस्था प्रदेशभर में लागू होने जा रही है।
-डा.केके पाठक, जिला कलक्टर, चूरू
क्या डियर। जो खबर अखबार के लिए लिखते हो वही यहां पर भी डाल देते हो। वैसे अच्छा ही है। एक बात और लिखते आप अच्छा हैं। भविष्य उज्ज्वल है।
ReplyDeletehttp://udbhavna.blogspot.com/