योजना के तहत पात्र महिलाओं का चयन करने में आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड की सत्यापित फोटोकॉपी, बीपीएल सूची क्रमांक तथा यदि उपलब्ध हो तो शादी का कार्ड भी प्रस्तुत करना पडता है।पात्र महिलाओं को लाभांवित कराने के लिए विभागीय स्तर पर कितनी अनदेखी बरती गई इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है जबकि संबंघित क्षेत्र के छात्रावास अधीक्षक से आवेदक के तथ्यों की तस्दीक कराए जाने का प्रावधान है।
घांघू निवासी अमीलाल की पुत्री मुकेश को योजना के तहत करीब दस हजार रूपए से लाभांवित किया गया है। मुकेश वर्तमान में दो बच्चों की मां है। उसकी शादी चार साल पहले हो चुकी थी। बिचौलिए और विभागीय कर्मचारियों ने कन्यादान राशि को हडपने के लिए उसकी शादी 25 अपे्रल 09 को होना बताया है। बकौल मुकेश अभी तक उसे साढे पांच हजार रूपए ही मिले हैं। बिचौलिए ने उसे कुल नौ हजार रूपए स्वीकृत होना बताया था।मुकेश की ही बहन सुमन को भी योजना के तहत पांच हजार रूपए से लाभान्वित किया गया है। बिचौलिए ने उसके आवेदन में सुमन को अनपढ बतलाया है जबकि वह गांव के राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में पढती थी। उसका नामांकन नम्बर 598 है। उसने कक्षा छह तक विद्यालय से उत्तीर्ण की है। बकौल मुकेश सुमन को तो बिचौलिए ने अभी एक रूपया भी नहीं दिया है।
घांघू निवासी हनुमान धाणक की पुत्री कांता व सुनीता को पांच-पांच हजार रूपए की सहायता स्वीकृत की गई है। दोनों का विवाह दस दिसम्बर 07 को होना बताया गया है। गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के रिकॉर्ड में सुनीता की जन्मतिथि नामांकन संख्या 1580 पर 10 अगस्त 93 तथा कांता की जन्मतिथि नामांकन संख्या 1579 पर 5 जून 95 दर्ज है। ऎसे में विवाह के समय सुनीता की उम्र महज 14 वर्ष तथा कांता की उम्र 12 वर्ष है। इस स्थिति में दोनों ही बहनें नाबालिग होने पर योजना के तहत कन्यादान राशि की पात्र नहीं हैं।
घांघू निवासी भगवाना राम मेघवाल की पुत्री सुमन व गांव के बुधराम धाणक की पुत्री चंदा की अपात्रता के लिहाज से स्थिति लगभग समान है। दोनों की शादी जून 09 में होने के साथ ही इनका परिवार बीपीएल सूची 2002 में भी शामिल नहीं है। गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के रिकॉर्ड में सुमन की जन्मतिथि नामांकन संख्या 1871 पर 12 अगस्त 94 तथा चन्दा (चन्द्रावली के नाम) की जन्मतिथि नामांकन संख्या 1577 पर 6 मई 94 दर्ज है। ऎसे में दोनों की उम्र विवाह के समय 18 वर्ष से कम है।
घांघू निवासी धर्मपाल धाणक की पुत्री पूनम व सुलोचना को भी योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। आवेदन पत्र में इनकी शादी भी 25 अप्रेल 09 को होना दर्शाई गई है। राजकीय उ“ा प्राथमिक विद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार नामांकन संख्या 1600 पर सुलोचना की जन्मतिथि (सुमन नाम से) 10 मार्च 94 है। इनका परिवार भी अन्य परिवारों की तरह बीपीएल सूची 2002 में शामिल नहीं है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों की बेटियों की शादी के अवसर पर सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक अपे्रल 2005 से 'सहयोग योजना' चल रही है। योजना के तहत शादी से एक माह पहले या एक माह बाद आवेदन किया जा सकता है।पात्रता के लिए लडकी का परिवार बीपीएल सूची 2002 में शामिल होने के साथ ही विवाह के समय उसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। पात्र महिला को बतौर कन्यादान सरकार की ओर से करीब दस से बीस हजार रूपए तक की आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाती है।
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- अमीलाल नायक (मुकेश के पिता), घांघू
-नाथी देवी, सरपंच, घांघू
-रामनिवास यादव, समाज कल्याण अघिकारी, चूरू
-नेतराम मेघवाल, घांघू
-करूणा बुंदेला, प्रधानाध्यापिका राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय, घांघू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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2 टिप्पणियाँ:
RAJNISH PARIHAR said...
sharmnaak....
December 2, 2009 4:16 PM
दीपिका said...
aaj v aise ghatnaon ki sankhya ghati nahi hai. sirf kahne ko hum aadhunik evam educated hai. par lagta nahi...
December 5, 2009 11:31 AM