मजदूरों को ना तो पगार मिली है और ना ही राशन
चूरू, 11 मई। खाड़ी देश लीबिया में कमाने गए भारतीय मजदूर संकट में हैं। एक निजी कम्पनी ने मजदूरों को बंधक बना रखा है। पांच माह से मजदूरों को ना तो पगार मिली है और ना ही राशन। मजदूर समुद्र का खारा पीने तथा राहगीरों से भीख मांगने को मजबूर हैं।
देशभर के करीब सौ मजदूरों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा रहा है। इनमें चूरू जिले के सोलह मजदूर शामिल हैं। मजदूरों ने सोमवार को अपने परिजनों को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करवाया है। परिजनों ने मंगलवार को जिला कलक्टर डा. केके पाठक से मुलाकात कर मजदूरों की रिहाई की गुहार लगाई है।
परिजनों की ओर से कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि लीबिया में अल एकलेल कॉन्ट्रेक्ट कम्पनी ने मजदूरों का भुगतान रोककर उन्हें चार दीवारी में बंद कर रखा है। मजदूर सीकर जिले की फतेहपुर तहसील के गांव अठवास निवासी एजेंट सांवरमल झाझडिय़ा के माध्यम से नौ माह पहले लीबिया गए थे।
चूरू, 11 मई। खाड़ी देश लीबिया में कमाने गए भारतीय मजदूर संकट में हैं। एक निजी कम्पनी ने मजदूरों को बंधक बना रखा है। पांच माह से मजदूरों को ना तो पगार मिली है और ना ही राशन। मजदूर समुद्र का खारा पीने तथा राहगीरों से भीख मांगने को मजबूर हैं।
देशभर के करीब सौ मजदूरों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा रहा है। इनमें चूरू जिले के सोलह मजदूर शामिल हैं। मजदूरों ने सोमवार को अपने परिजनों को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करवाया है। परिजनों ने मंगलवार को जिला कलक्टर डा. केके पाठक से मुलाकात कर मजदूरों की रिहाई की गुहार लगाई है।
परिजनों की ओर से कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि लीबिया में अल एकलेल कॉन्ट्रेक्ट कम्पनी ने मजदूरों का भुगतान रोककर उन्हें चार दीवारी में बंद कर रखा है। मजदूर सीकर जिले की फतेहपुर तहसील के गांव अठवास निवासी एजेंट सांवरमल झाझडिय़ा के माध्यम से नौ माह पहले लीबिया गए थे।
प्रोजेक्ट पूरा हो गया
जानकारी के अनुसार कम्पनी विला निर्माण के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी। करीब दो माह पहले प्रोजेक्ट पूरा हो गया। नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाने के कारण मजदूरों को ना तो रोजगार मिल पा रहा है और ना ही बकाया पगार।
जानकारी के अनुसार कम्पनी विला निर्माण के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी। करीब दो माह पहले प्रोजेक्ट पूरा हो गया। नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाने के कारण मजदूरों को ना तो रोजगार मिल पा रहा है और ना ही बकाया पगार।
आधे से ज्यादा शेखावाटी के
मजदूरों को लीबिया भेजने वाले एजेंट झाझडिय़ा की मानें तो अल एकलेल कॉन्ट्रेक्ट कम्पनी में ऐसी स्थिति का सामना चूरू जिले के सोलह मजदूर ही नहीं बल्कि देशभर के करीब सौ मजदूरों को करना पड़ रहा है। इनमें से पचास-साठ मजदूर अकेले शेखावाटी के हैं। विला निर्माण का प्रोजेक्ट पूरा होने तथा नया प्रोजेक्ट शुरू होने में हो रही देरी के कारण मजदूर परेशान हैं। मजदूर बकाया मजदूरी की मांग को लेकर कम्पनी का राशन लेने से भी इनकार कर रहे हैं।
मजदूरों को लीबिया भेजने वाले एजेंट झाझडिय़ा की मानें तो अल एकलेल कॉन्ट्रेक्ट कम्पनी में ऐसी स्थिति का सामना चूरू जिले के सोलह मजदूर ही नहीं बल्कि देशभर के करीब सौ मजदूरों को करना पड़ रहा है। इनमें से पचास-साठ मजदूर अकेले शेखावाटी के हैं। विला निर्माण का प्रोजेक्ट पूरा होने तथा नया प्रोजेक्ट शुरू होने में हो रही देरी के कारण मजदूर परेशान हैं। मजदूर बकाया मजदूरी की मांग को लेकर कम्पनी का राशन लेने से भी इनकार कर रहे हैं।
ये हैं वो मजदूर
सोलह मजदूरों में चूरू तहसील के गांव जुहारपुरा का भींवाराम, भागीरथ मल, धीरासर का राजूराम, रायपुरिया का प्रभूदयाल, तारानगर तहसील के गांव सोमसीसर का मेधाराम, रतनगढ़ तहसील के गांव गोगासर का पूर्णमल, सेहला का बजरंग, चैनपुरा का भजनलाल, नरेश कुमार, रघुनाथपुरा का बृजलाल, खिलेरिया का आसूदास, लोहा का तोलाराम, लधासर का मेंधाराम, नागरमल, सुजानगढ़ तहसील का गणेशाराम यादव, गांव भींवसर का बेगाराम शामिल है।
-------
लीबिया गए सोलह मजदूरों के परिजनों ने उन्हें रिहा कराने की मांग की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव को लिखा गया है। साथ ही पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। -डा. केके पाठक, जिला कलक्टर, चूरू
सोलह मजदूरों में चूरू तहसील के गांव जुहारपुरा का भींवाराम, भागीरथ मल, धीरासर का राजूराम, रायपुरिया का प्रभूदयाल, तारानगर तहसील के गांव सोमसीसर का मेधाराम, रतनगढ़ तहसील के गांव गोगासर का पूर्णमल, सेहला का बजरंग, चैनपुरा का भजनलाल, नरेश कुमार, रघुनाथपुरा का बृजलाल, खिलेरिया का आसूदास, लोहा का तोलाराम, लधासर का मेंधाराम, नागरमल, सुजानगढ़ तहसील का गणेशाराम यादव, गांव भींवसर का बेगाराम शामिल है।
-------
लीबिया गए सोलह मजदूरों के परिजनों ने उन्हें रिहा कराने की मांग की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव को लिखा गया है। साथ ही पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। -डा. केके पाठक, जिला कलक्टर, चूरू
मजदूरी तो इधर देश में भी ठेकेदार अपने मजदूरों की खा जाते हैं। श्रम विभाग कुछ नहीं करता।
ReplyDelete