चूरू, 8 अक्टूबर। वाउ इट्स क्यूट..., वैरी नाइस पेंटिंग्स एण्ड डिजाइन..., आई लाइक दिस...। पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ ही चूरू के पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों के ये शब्द सुनाई देने लगे हैं। सीजन में पर्यटकों का पहला दल गुरुवार को चूरू आया। दल में शामिल हॉलैण्ड के 22 पर्यटकों ने घंटेभर तक चूरू के पर्यटन स्थलों को निहारा।
बाजार में खरीदारी की और जाते-जाते गांव ऊंटवालिया के जोहड़ में दोपहर का भोजन लिया। राजस्थान के 21 दिन के भ्रमण के लिए आया यह दल बुधवार को दिल्ली से महनसर गढ़ पहुंचा था। यहां से गुरुवार को गढ़ के गाइड लालसिंह शेखावत के साथ महनसर, रामगढ़ बिसाऊ होते हुए सुबह साढ़े 11 बजे चूरू पहुंचा।पर्यटकों ने चूरू में बागला, सुराणा व कोठारियों की हवेलियां देखी तथा सफेद घंटाघर व मुख्य बाजार में खरीदारी की। दल दोपहर को वापस महनसर गढ़ रवाना हो गया। शुक्रवार को बीकानेर जाएगा।
शेखावत ने बताया कि विदेशी पर्यटक राजस्थानी भोजन के कायल हैं। किसी को बाजरे की रोटी स्वाद लगती है तो कोई राजस्थानी दाल को अधिक पसंद करता है। गुरुवार को गांव ऊंटवालिया के पथराणा जोहड़ में दोपहर के भोजन में पर्यटक बाजरे की रोटी, लहसून की चटनी और दाल की प्रशंसा करते नहीं थके।
बाजार में खरीदारी की और जाते-जाते गांव ऊंटवालिया के जोहड़ में दोपहर का भोजन लिया। राजस्थान के 21 दिन के भ्रमण के लिए आया यह दल बुधवार को दिल्ली से महनसर गढ़ पहुंचा था। यहां से गुरुवार को गढ़ के गाइड लालसिंह शेखावत के साथ महनसर, रामगढ़ बिसाऊ होते हुए सुबह साढ़े 11 बजे चूरू पहुंचा।पर्यटकों ने चूरू में बागला, सुराणा व कोठारियों की हवेलियां देखी तथा सफेद घंटाघर व मुख्य बाजार में खरीदारी की। दल दोपहर को वापस महनसर गढ़ रवाना हो गया। शुक्रवार को बीकानेर जाएगा।
शेखावत ने बताया कि विदेशी पर्यटक राजस्थानी भोजन के कायल हैं। किसी को बाजरे की रोटी स्वाद लगती है तो कोई राजस्थानी दाल को अधिक पसंद करता है। गुरुवार को गांव ऊंटवालिया के पथराणा जोहड़ में दोपहर के भोजन में पर्यटक बाजरे की रोटी, लहसून की चटनी और दाल की प्रशंसा करते नहीं थके।
यहां के लोग वैरी फ्रेंडली
ग्रुप लीडर की हैसियत से राजस्थान का दस बार भ्रमण कर चुकी हूं। यहां की हवेलियां सबसे अधिक आकर्षित करती हैं। थोड़ी-थोड़ी हिन्दी भी बोल लेती हूं। हिन्दी में कहूं तो यहां की हवेलियां क्यूट हैं एण्ड लोग बहुत फ्रेंडली हैं।
दिन्या, ग्रुप लीडर, हॉलैण्ड
बार-बार बुलाए रामगढ़
पर्यटन स्थलों में रामगढ़ शेखावाटी की हवेलियों का कोई सानी नहीं है। इन्हें बार-बार देखने को मन करता है। राजस्थान आने का फिर मौका मिला तो रामगढ़ शेखावाटी जरूर आऊंगा।
-नैल्स, पर्यटक, हॉलैण्ड
देसी अंदाज निराला
यहां के बाजार में शौरगुल और प्रदूषण अधिक है। लोगों का रहन-सहन और अंदाज पूरी तरह से देसी है। पर्यटन के लिहाज से यहां काफी कुछ है। इनके आस-पास आधारभूत सुविधाएं बढ़ाई जाए तो पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है।
-पास्कल, पर्यटक, हॉलैण्ड
सजी थाली लगे अच्छी
राजस्थान में जितनी मशक्कत खाना बनाने में की जाती है। उतने ही प्यार से भोजन परोसा भी जाता है। यहां के भोजन से सजी थाली मुझे खास पसंद है। स्वाद का तो कहना क्या?।
सेन्डर, पर्यटक, हॉलैण्ड
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
प्रतिक्रियाएँ:
2 टिप्पणियाँ:
विनोद कुमार पांडेय said...
राजस्थान है ही ऐसा जगह लोगों का दिल जीत लेता है..बढ़िया प्रस्तुति...धन्यवाद!!!
October 12, 2009 10:06 PM
ललित शर्मा said...
थाने,म्हारी बधाई, चो्खो समाचार सुणायो, राजस्थान की धरती को दुनिया में जवाब ही कोनी,
October 12, 2009 11:17 PM
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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2 टिप्पणियाँ:
विनोद कुमार पांडेय said...
राजस्थान है ही ऐसा जगह लोगों का दिल जीत लेता है..बढ़िया प्रस्तुति...धन्यवाद!!!
October 12, 2009 10:06 PM
ललित शर्मा said...
थाने,म्हारी बधाई, चो्खो समाचार सुणायो, राजस्थान की धरती को दुनिया में जवाब ही कोनी,
October 12, 2009 11:17 PM
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