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जिले में खुलेगा कृषि विज्ञान केन्द्र
गाजसर और चांदगोठी में तलाशी भूमि
चूरू, 23 अक्टूबर। जिले के काश्तकारों के दिन जल्द ही बहुरेंगे। किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीक व फसलों की उन्नत किस्म की जानकारी देने तथा प्रशिक्षित करने के लिए जिले में एक और कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) खोले जाने की कवायद तेज हो गई है। केवीके के लिए चूरू तहसील के गांव गाजसर और सादुलपुर तहसील के गांव चांदगोठी से 20-20 हैक्टेयर जमीन का प्रस्ताव राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर को भेजा गया है।
दोनों गांवों में से एक गांव के प्रस्ताव को मंजूरी मिलनी है। केवीके खोले जाने का काम चालू वित्तीय वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है। चूरू के साथ ही जयुपर, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, अलवर व जैसलमेर में भी एक-एक कृषि विज्ञान केन्द्र और खोला जाएगा।
जिले में खुलेगा कृषि विज्ञान केन्द्र
गाजसर और चांदगोठी में तलाशी भूमि
चूरू, 23 अक्टूबर। जिले के काश्तकारों के दिन जल्द ही बहुरेंगे। किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीक व फसलों की उन्नत किस्म की जानकारी देने तथा प्रशिक्षित करने के लिए जिले में एक और कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) खोले जाने की कवायद तेज हो गई है। केवीके के लिए चूरू तहसील के गांव गाजसर और सादुलपुर तहसील के गांव चांदगोठी से 20-20 हैक्टेयर जमीन का प्रस्ताव राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर को भेजा गया है।
दोनों गांवों में से एक गांव के प्रस्ताव को मंजूरी मिलनी है। केवीके खोले जाने का काम चालू वित्तीय वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है। चूरू के साथ ही जयुपर, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, अलवर व जैसलमेर में भी एक-एक कृषि विज्ञान केन्द्र और खोला जाएगा।
इसलिए पड़ी जरूरत
जिले की सरदारशहर तहसील मुख्यालय पर 1993 से कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित है। क्षेत्र बड़ा होने के कारण अन्य तहसीलों के किसानों को केवीके का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। नया केवीके राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अधीन काम करेगा। प्रत्येक केवीके से तीन-तीन तहसीलों के काश्तकारों को जोड़ा जाएगा।
जिले की सरदारशहर तहसील मुख्यालय पर 1993 से कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित है। क्षेत्र बड़ा होने के कारण अन्य तहसीलों के किसानों को केवीके का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। नया केवीके राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अधीन काम करेगा। प्रत्येक केवीके से तीन-तीन तहसीलों के काश्तकारों को जोड़ा जाएगा।
यह होगा फायदा
केवीके में किसानों की खेती से जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान होगा। यहां पर शस्य विज्ञान, गृह विज्ञान, कीट, पौध, पशु व उद्यान विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। कृषि की उन्नत किस्मों के प्रदर्शन लगाए जाएंगे। विशेषज्ञ किसानों को खेती की विभिन्न जानकारी देने के साथ ही आवश्यक प्रशिक्षण भी देंगे।
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मेरे नेतृत्व में संयुक्त निदेशक कृषि और सरदारशहर केवीके प्रभारी की कमेटी ने केवीके के लिए दो गांवों से जमीन का प्रस्ताव राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को महीने भर पहले भेजा है। दोनों में से एक गांव में जल्द ही केवीके खोला जाएगा।
जीएल यादव, क्षेत्रीय निदेशक कृषि अनुसंधान केन्द्र, फतेहपुर शेखावाटी
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
प्रतिक्रियाएँ:
1 टिप्पणियाँ:
संगीता पुरी said...
बहुत अच्छी खबर है .. इसपर जल्द अमल हो .. किसान भाइयों को बधाई !!
October 24, 2009 7:40 PM
केवीके में किसानों की खेती से जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान होगा। यहां पर शस्य विज्ञान, गृह विज्ञान, कीट, पौध, पशु व उद्यान विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। कृषि की उन्नत किस्मों के प्रदर्शन लगाए जाएंगे। विशेषज्ञ किसानों को खेती की विभिन्न जानकारी देने के साथ ही आवश्यक प्रशिक्षण भी देंगे।
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मेरे नेतृत्व में संयुक्त निदेशक कृषि और सरदारशहर केवीके प्रभारी की कमेटी ने केवीके के लिए दो गांवों से जमीन का प्रस्ताव राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को महीने भर पहले भेजा है। दोनों में से एक गांव में जल्द ही केवीके खोला जाएगा।
जीएल यादव, क्षेत्रीय निदेशक कृषि अनुसंधान केन्द्र, फतेहपुर शेखावाटी
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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संगीता पुरी said...
बहुत अच्छी खबर है .. इसपर जल्द अमल हो .. किसान भाइयों को बधाई !!
October 24, 2009 7:40 PM
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