Sunday, February 7, 2010

पहुंच से दूर होता पानी

मानसून पूर्व सर्वे की रिपोर्ट चिंताजनक
मीठा पानी 1.25 मीटर और नीचे चला गया
चूरू, 27 अगस्त। थळी में पानी पहुंच से दूर होता जा रहा है। लोगों को हलक तर करने के लिए धरती में सुराख हर साल गहरे करने पड़ रहे हैं। हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे हैं कि जिले में मीठे पानी का भूजल स्तर ऊपर आने का नाम नहीं ले रहा है। खारा पानी भी पाताल की राह पकड़ चुका है। बारिश की बूंद-बूंद को सहेजने के प्रति बेरुखी यूं ही बरकरार रही तो वह दिन दूर नहीं जब बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ सकता है। भूजल विभाग की ओर से 15 मई से 15 जून तक किए गए सर्वे में चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। थळी के लिए यह बात चौंकाने वाली बात है कि बीते एक साल में ही मीठा पानी का स्तर 1.25 मीटर और नीचे चला गया है।
ब्लॉकों के बिगड़ते हालात
भूजल स्तर के मामले में जिले के तारानगर के अलावा सभी ब्लॉक की स्थिति विकराल होती जा रही है। तारानगर ब्लॉक में पानी अत्यधिक खारा होने के कारण वैसे भी पीने योग्य नहीं है। वर्ष 2008 से पहले जिले का राजगढ़ ब्लॉक डार्क जोन (अत्यधिक चिंताजनक) में था। अब इस श्रेणी में सुजानगढ़ ब्लॉक भी शामिल हो गया है। रतनगढ़ ब्लॉक की स्थिति संतोषजनक से चिंताजनक की ओर तेजी से बढ़ रही है। चूरू व सरदारशहर की स्थिति केवल संतोषजनक ही है।
बचा लो बारिश की बूंद-बूंद
जिलेवासियों को भविष्य में हलक आसानी से तर करने के लिए अभी से बारिश की बूंद-बंूद सहेजनी होगी। पानी के अंधाधुंध दोहन की बजाय भूजल के पुनर्भरण के प्रति अधिक जागरूक होना होगा। जिले में जल संरक्षण के लिए कूप पुनर्भरण समेत कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं मगर नतीजे उत्साहजनक नहीं हैं। इतना नीचे गया पानीजिले में मीठा पानी तेजी से पाताल में समा रहा है। वर्ष 1995 के बाद से चूरू ब्लॉक के गांव लाखाऊ जोन में 6.87 मीटर, राजगढ़ ब्लॉक के गांव थिरपाली बड़ी जोन में 17.77 मीटर, रतनगढ़ ब्लॉक के गांव जेगणिया बीदावतान जोन में 6.15 मीटर, सरदारशहर ब्लॉक के गांव राजासर बीकान जोन में 4.68 मीटर, सुजानगढ़ ब्लॉक के गांव तेहनदेसर जोन में 24.83 मीटर तक मीठा पानी पाताल में समा चुका है।
भारी पड़ेगी मानसून की बेरुखी
इस बार भूजल स्तर बढ़ाने में मानसून की बेरुखी भी भारी पड़ेगी। कृषि विभाग के अनुसार जिले में 23 अगस्त तक औसत 200 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 160 एमएम कम है। चूरू में 130 एमएम, सरदारशहर व रतनगढ़ में 176 एमएम, सुजानगढ़ में 328 एमएम, राजगढ़ में 174 तथा तारानगर में 217 एमएम बारिश हो पाई है।
घटता भूजल स्तर
ब्लॉक~~~~1995~~~~२००९
चूरू~~~~~34.49~~~~36.२२
राजगढ़~~~~37.25~~~~42.०३
रतनगढ़~~~~50.26~~~~53.०३
सरदारशहर~~~~51.28~~~~51.५१
सुजानगढ़~~~~48.38~~~~51.५२
तारानगर~~~~25.44~~~~*23.९९
(*तारानगर ब्लॉक में पानी खारा होने के कारण पुनर्भरण की तुलना में दोहन कम होने से भूजल स्तर बढ़ा है, आंकड़े मीटर में)
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जिले में भूजल स्तर की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। मानसून पूर्व सर्वे में इस बार भी स्थिति चिंताजनक पाई गई है। लोगों को जल संरक्षण के प्रति अविलम्ब जागरूक होने की दरकरार है।
-लक्ष्मण सिंह राठौड़, कनिष्ठ, भूजल वैज्ञानिक, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
प्रतिक्रियाएँ:


1 टिप्पणियाँ:

swrsrk said...
Bhaut Badia Vishwantha JiKhabar pasnad ayye. Lage rahe sukha dur kabhi to hogaBest wishes from Pawan Rana
August 29, 2009 10:17 AM

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