सशस्त्र सेना झंडा दिवस के स्टीकरों के लाखों रूपये बकाया
चूरू, 15 जनवरी। देश की आन, बान और शान के लिए जान की बाजी लगाने वाले सपूतों के परिवार और उनके आश्रितों के कल्याण की राशि पर शेखावाटी के अफसर कुंडली मारे बैठे हैं। देश को सबसे अघिक फौजी देने वाले शेखावाटी में अघिकारियों की लापरवाही के चलते चूरू, सीकर, झुंझुनूं , नीमकाथाना और चिडावा सैनिक कल्याण कार्यालय का लक्ष्य प्रतिवर्ष अधूरा रह जाता है। अंचल के घिकांश विभाग सैनिक कल्याण कार्यालय के माध्यम से सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के स्टीकरों की धनराशि एकत्रित करने के प्रति गंभीर नहीं हैं।
वितरित करने होते हैं स्टीकर
सैनिक कल्याण कार्यालय की ओर से विभिन्न विभाग और संस्थाओं को सशस्त्र सेना झण्डा दिवस (7 दिसम्बर) के स्टीकर उपलब्ध करवाए जाते हैं। विभाग को जन समूह में स्टीकरों का वितरण कर धनराशि एकत्रित करनी होती है। स्टीकर शर्ट की जेब व वाहनों पर चस्पा किए जाते हैं। स्टीकरों के बदले एकत्रित की गई धनराशि सैनिक कल्याण कार्यालय के माध्यम से अमल गमैटेड फण्ड में भेजी जाती है। सैनिक परिवार एवं उनके आश्रितों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं में इस राशि का उपयोग किया जाता है।
12 साल से नहीं ली
चूरू और सुजानगढ केतहसीलदारों पर स्टीकरों की राशि 1996 से बकाया है। इनके अलावा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अघिशाषी अभियंता, जोधपुर विद्युत वितरण निगम के सहायक व अघिशाषी अभियंता, समाज कल्याण अघिकारी, एसपी कार्यालय, सीएसडी कैंटीन, सरदारशहर बीईईओ व चूरू, माध्यमिक के डीडी, आपणी योजना, सभी नगरपालिकाएं, तहसीलदार, विकास अघिकारी, उपपंजीयक अघिकारी पर 1996 से 2007 तक के 1 लाख 73 हजार 8 91 रूपए बकाया हैं।
दो साल के 70 हजार बकाया
नीमकाथाना सैनिक कल्याण कार्यालय में दो साल से तीन तहसीलों के विभिन्न विभाग एवं अघिकारियों पर लगभग 70 हजार रूपए बकाया हैं। इनमें श्रीमाधोपुर आगार प्रबंधक के 5 हजार, तहसीलदार के दस हजार, तीनों तहसीलों के विकास अघिकारियों के 41 हजार 6 00, श्रीमाधोपुर व नीमकाथाना विकास अघिकारी के 11 हजार 200 रूपए शामिल हैं।
नहीं चुकाए लाखों रूपए
चिडावा सैनिक कल्याण कार्यालय में चार तहसीलोे के थानाघिकारियों, एसडीएम, तहसीलदार व बीडीओ व कुछ महाविद्यालयों पर 2004 से पहले के 6 3 हजार 127 रूपए, 2005 के 56 हजार 540 रूपए, 2006 के 1 लाख 75 हजार 125 रूपए तथा 2007 के एक लाख 6 4 हजार 26 5 रूपए बकाया हैं। चिडावा में अक्टूबर 2004 से सैनिक कल्याण कार्यालय खोला गया था।
बताने को तैयार नहीं
अफसोस की बात है कि खुद फौज में रह चुके सीकर और झुंझुनूं सैनिक कल्याण अघिकारी झण्डा दिवस के स्टीकरों की बकाया राशि नहीं चुकाने वाले विभागों का नाम बताने से भी कतराते हैं। जबकि दोनों ही अघिकारी स्वीकार करते हैं कि उनके जिले में भी अघिकारियों पर स्टीकरों के लाखों रूपए बकाया हैं।
इनका कहना है...
.सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के स्टीकरों की राशि करीब तीस विभागों पर बकाया है। कई विभागों के सहयोग के अभाव में सैनिक कल्याण कार्यालय का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है।-मेजर रामकुमार कस्वां, जिला सैनिक कल्याण अघिकारी, प्रतिक्रियाएँ: 6 टिप्पणियाँ इस संदेश के लिए लिंक
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