Wednesday, July 29, 2009

लहराने लगा लहरिया

चूरू, 29 जुलाई। रक्षाबंधन के नजदीक आते ही कपड़ा बाजार की भी रौनक परवान चढऩे लगी है। कपड़ा व्यापारियों ने अपनी दुकानों के बाहर विभिन्न आकर्षक रंगों में बनीं लहरिए की साडिय़ों को प्रमुखता से सजाना शुरू कर दिया है। जिन्हें देखते ही राह चलती महिलाओं का बरबस ध्यान खिंचा चला जाता है। महिलाएं भले ही लहरिए की साड़ी ना खरीदें लेकिन दुकान पर रुककर और उसकी कीमत को मोल-भाव तो कर ही लेती हैं। उधर, राखियों की दुकानों में भी अब इजाफा होने लगा है। अब तक जनरल और स्टेशनरी की दुकान लगाने वाले व्यापारियों ने भी दुकान के बाहर अलग से थड़ी लगाकर उन पर राखियां सजा दी हैं। इन दुकानों पर ग्राहकों का हुजूम उमडऩे लगा है। ग्राहकों की भीड़ को देख दुकानदारों के चेहरे खिले दिखाई देते हैं। स्थिति यह है कि रक्षाबंधन पर इस बार दुकानदारों को अच्छी आमदनी की उम्मीद है।
ग्राहकों को लुभाने के लिए दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। एक ओर जहां दुकानदारों ने रंग-बिरंगी राखियां सजा दी हैं वहीं दूसरी ओर दुकानों के बाहर एक से बढ़कर एक डिजायन के रेडीमेड कपड़े लटका दिए हैं।
दुकानदार संदेश लोहिया ने बताया कि राखियों की खरीदारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। राखियों के रोजाना सौ से अधिक ग्राहक पहुुंच रहे हैं। इस बार डोरी और डायमण्ड वाली राखी सबसे अधिक पसंद की जा रही है। दुकानदार युनूस बताते हैं कि राखियों की बिक्री रविवार के बाद से परवान पर है। रोजाना तीन से चार हजार रुपए की राखियां आसानी से बिक रही है।

Monday, July 13, 2009

नरेगा पर निगेहबान होंगी "घाघ" आंखें

चूरू 13 जुलाई। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) में अब धांधली और गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी। यदि किसी ने करने की कोशिश भी की तो सरकार की नजरों से बच न पाएगा।नरेगा कार्यो पर अब अनुभवी आंखें निगेहबान होंगी। पचास से अघिक सेवानिवृत्त अघिकारी इस काम के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किए गए हैं। नरेगा के कामों में गड़बडियों के संभावित सुराखों की उन्हें सूक्ष्मता से जानकारी दी गई है।

इन अघिकारियों को नरेगा के स्टेट लेवल ऑब्जर्वर का ओहदा दिया गया है। इन्हें उन कार्यस्थलों पर भेजा जाएगा, जहां गड़बड़ी और धांधली की शिकायत होगी। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से ग्रामीण विकास विभाग को मिलने वाली ऎसी तमाम शिकायतों की इन अघिकारियों से जांच कराई जाएगी।
नरेगा कार्यस्थल पर पहुंचकर शिकायत की वास्तविकता तथा दोषियों का पता लगाने के साथ यह अघिकारी श्रमिकों से सीधा संवाद भी करेंगेे। श्रमिकों से प्राप्त हुई शिकायत तथा मीडिया की खबरों के आधार पर भी अघिकारी मामले की जांच करेंगे।

कितनी हैं शिकायतें
प्रदेश में नरेगा से जुड़ी शिकायतों और समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। मौटे अनुमान के अनुसार नरेगा की चार सौ से अघिक गंभीर शिकायते जांच के लिए लम्बित हैं। इनमें केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय तथा संबंघित विभाग को सीधी प्राप्त हुई शिकायतें शामिल हैं। कई शिकायतें जिला स्तर पर ही जांच के लिए लम्बित हैं। प्रदेश स्तर पर बकाया शिकायतों में शेखावाटी के सीकर जिले की 15, झुन्झुनूं की 7 और चूरू की 19 शिकायतें शामिल हैं।

ये होंगे अघिकार
अघिकारियों को नरेगा की शिकायत की जांच तथा योजना की क्रियान्विति के स्तर को परखने का अघिकार दिया गया है। अघिकारी नरेगा की शिकायत की जांच के लिए संबंघित कार्यस्थल पर जाते समय रास्ते में पड़ने वाले अन्य कार्यस्थलों का भी निरीक्षण कर सकेंगे। इसके लिए अफसरों को नरेगा के 25 से 30 बिन्दुओं की जांच सूची उपलब्ध करवाई गई है।

ऊंचे ओहदे से हुए सेवानिवृत्त
आघिकारिक जानकारी के अनुसार नरेगा पर्यवेक्षक के लिए दो सौ से अघिक सेवानिवृत्त अघिकारियों ने आवेदन किया था। आवेदनकर्ताओं में से 50 से अघिक अघिकारियों को नरेगा के स्टेट लेवल ऑब्जर्वर के रूप में चुना गया। अघिकांश अघिकारी ऊंचे ओहदे से सेवानिवृत्त हुए हैं। इनमें अतिरिक्त आयुक्त आयकर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुख्य वैज्ञानिक, आइएएस, आरएएस, विश्वविद्यालय के निदेशक, प्रोफेसर व बीएसएनएल आदि के सेवानिवृत्त अघिकारी शामिल हैं।

किस तरह की होती हैं शिकायतें
*नरेगा में निर्घारित समय पर काम नहीं मिलना
*भुगतान में देरी होना
* मस्टररोल में फर्जीवाड़ा और दिहाड़ी कम देना
*महिलाओं से छेड़छाड़ एवं दुराचार
*नरेगा स्थल पर आधारभूत सुविधाओं का अभाव
*नरेगा स्थल पर मशीनों से काम कराना
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सेवानिवृत्त अघिकारियों को नरेगा कार्यस्थलों की जिम्मेदारी सौंपी जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। इन्हें हाल ही जयपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया है। अघिकारियों को कार्यस्थल आवंटित किए जा रहे हैं। अघिकांश अघिकारी आगामी पखवाड़े से काम शुरू कर देंगे।
-राजेन्द्र भानावत, आयुक्त, नरेगा, जयपुर
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी
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लेबल: कुछ हट के
1 टिप्पणियाँ:
Pawan Rana said...
Pawan Rana,
You have taken a step into a wide ocean, let leave all the things on time now. flow, grow and glow like lotus.
Best wihsed!

August 3, 2009 12:27 PM