Thursday, June 25, 2009

नमक पर अब पैनी नजर

व्यापारियों को जांच किट वितरित
राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम
चूरू, 25 जून। आयोडीनयुक्त नमक के नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। नमक के थोक व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान पर ही आयोडीनयुक्त नमक की जांच करने के लिए गुरुवार सुबह जिला परिषद सभागार में जांच के किट उपलब्ध करवाए गए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आयोडीनयुक्त नमक को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कार्यवाहक जिला कलक्टर बीएल मेहरड़ा ने व्यापारियों को नमक की खरीद में विशेष सजगता एवं सतकर्ता बरतने की नसीहत दी। सीएमएचओ प्रशांत खत्री, जिला प्रजनन शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डा। अजय चौधरी, नांवा लवण विभाग के उप अधीक्षक आरके सौगरा, संभागीय सलाहकार गोकुल वर्मा समेत नमक के कई थोक व्यापारी इस मौके पर मौजूद थे।
दुकानदार रखें प्रमाण पत्रकार्यक्रम में बताया गया कि नमक के थोक व्यापारियों को नमक निर्माता कम्पनियों से उनके ब्रांड में आयोडीन की निर्धारित मात्रा 30 पीपीएम का प्रमाण प्राप्त करना होगा। आयोडीनयुक्त नमक का नमूना फेल होने पर व्यापारी के पास कम्पनी का प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर व्यापारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
पैंतालीस नमूने फेल
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले में मार्च, अप्रेल व मई के दौरान लिए गए 58 ब्रांडों के 118 नमूनों की जांच के बाद 45 नमूने आयोडीनयुक्त नमक के मापदण्डों पर खरा नहीं उतर पाए। चिकित्सा विभाग की ओर से 25 हानिकारक ब्रांडों की रिपोर्ट हाल ही जिला प्रशासन को सौंपी गई थी।
मुहिम का लक्ष्य जुलाई
आयोडीनयुक्त नमक के नाम पर साधारण नमक आपूर्ति करने वालों के खिलाफ 'आयोडीनयुक्त नमक-एक नया आंदोलन नामक मुहिम छेड़ी है। मुहिम का लक्ष्य जुलाई 09 तक जिले की समस्त दुकानों पर आयोडीनयुक्त नमक की उपलब्धता शत-प्रतिशत करना है।

Saturday, June 6, 2009

खिलाने से पहले छीना निवाला

राजगढ़ के 18 गांवों में परोसना था पोषाहार
चूरू, 6 जून। सरकारी आदेशों की बानगी तो देखिए कि जिले के अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में मिड डे मील के तहत भोजन परोसने का कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया। पोषाहार कार्यक्रम जिले की राजगढ़ तहसील के उन 18 गांवों में शुरू किया जाना था, जिनमें फरवरी माह में ओलावृष्टि हुई थी। ओलावृष्टि से रबी की फसलों में हुए भारी नुकसान के कारण सभी गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। सूत्रों के अनुसार दो जून 09 को मिड डे मील कार्यक्रम के शासन सचिव ने चूरू जिले के अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार परोसने का आदेश जारी किया था। तीन जून को जिलास्तरीय अधिकारियों ने आदेश की पालना की तैयारी भी शुरू कर दी लेकिन इसी दिन प्राप्त हुए शासन सचिव के एक अन्य आदेश की पालना में कार्यक्रम बंद कर दिया गया।
अभावग्रस्त गांव
राजगढ़ तहसील के नेशल, भैंसली, बीराण, सुलखणियां बड़ा, बास किरताण, खुंडियाबास, बास भरीण्ड, किरताण, नंदा का बास, बास चनानी, बांगड़वा, बेवड़, भरीण्ड, गुगलवा, नवां, हमीरवास व बास लालङ्क्षसह के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पोषाहार खिलाया जाना था।
प्रयास ही नहीं किए
छुट्टियों में अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार नहीं खिलाने पर अफसरों का तर्क है कि गर्मी के कारण बच्चे पोषाहार खाने के लिए स्कूल ही नहीं आएंगे। यह बात दीगर है कि बच्चों को स्कूल तक लाने के प्रयास ही नहीं किए गए।अन्य जिलों से मिली सूचनाओं के आधार पर ग्रीष्मवकाश में बच्चे पोषाहार खाने के लिए स्कूलों में नहीं आ रहे हैं। इसलिए कार्यक्रम शुरू नहीं किया जा सका।
-बीआर डेलू, सीईओ, जिला परिषद, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी

Wednesday, June 3, 2009

पानी के नाम पर बंट रहा चरणामृत

चहुंओर हाहाकार 96 घंटे से नहीं टपका बूंद पानी स्थिति सुधरने के आसार आज चूरू, 3 जून पेयजल की भंयकर किल्लत के चलते जलदाय महकमा चार दिन से चूरू शहर में पानी के नाम पर चरणामृत बांट रहा है। शहर के आधा दर्जन वार्डों में 96 घंटों से पानी की एक बूंद भी नल से नहीं टपकी। शेष वार्डों में आवश्यकता की तुलना में गिलासभर पानी भी सप्लाई नहीं हो रहा है। शहर में चहुंओर पानी के लिए हाहाकार मचा है। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, युवक सभी सुबह-शाम पानी की जुगत में इधर से उधर भटक रहे हैं। जहां-तहां सार्वजनिक नलों पर पानी उपलब्ध हो रहा है वहां पानी भरने वालों का तांता लग जाता है। गली-मोहल्लों में टैंकरों के पहुंचते ही लोग खाली बरतन लिए दौड़े चले आते हैं। बच्चों के लिए गर्मियों की छुट्टियां मौज-मस्ती के बजाय पानी की माथा-पच्ची में ही बीत रही हैं। ऊपर से गर्मी और उमस की मार ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है। न खाना भाता है न सोना सुहाता है। घरती से उठती तपन और चिपचिपाता बदन काम करने की क्षमता को क्षीण बना रहा है।यह बात दीगर है कि अंधड़ से आपणी योजना के कर्मसाना पम्ंिपग स्टेशन के दो विद्युत टावर गिरने से गड़बड़ाई जलापूर्ति बुधवार तक बहाल होने के आसार है। आपणी योजना के अभियंताओं का दावा है कि विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। बुधवार सुबह से जलापूर्ति नियमित हो जाएगी।
टैंकर का बेसब्री से इंतजार
शहर के वार्ड 38 , 37, 23, 30, मोचीवाड़ा, सब्जी मण्डी, पंचमुखी बालाजी व रामदेव मंदिर इलाके में लोगों के हलक टैंकरों से तर किए जा रहा हैं। बुधवार को लोगों को टैंकरों का बेसब्री से इंतजार रहा। मोहल्ले में टैंकर पहुंचते ही लोगों में पानी भरने की होड़ मच गई। विभाग के तीन टैंकर रोजना 15 से 20 फेरे लगा रहे हैं। हालत यह है कि जहां भी टैंकर पहुंचता है पानी भरने वाले इतने लोग जमा हो जाते है कि घर के सदस्यों के लिए वांछित पानी की अपेक्षा उन्हें उपलब्ध पानी चरणामृत लगता है।
सप्लायर्स की बल्ले-बल्ले
शहर में पानी की कमी के कारण वाटर सप्लायर्स की चार दिन से बल्ले-बल्ले हो रही है। पानी के कंटेनरों की मांग दोगुनी हो गई है। शहर में तीनवाटर सप्लायर्स हैं। तीनों ही के यहां इन दिनों लक्ष्मी मेहरबान है।
तब जाकर मिलेेगा पानी
कर्मसाना पम्ंिपग स्टेशन से जलापूर्ति शुरू होने के तकरीबन 16 घंटे बाद मीठा पानी घरों में पहुंच सकेगा। मीठे पानी को कर्मसाना से चूरू तक पहुंचने में करीब आठ घंटे लगेंगे। इतना ही समय पीएचईडी की टंकियां भरने में लगेगा।
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कर्मसाना पमिपग स्टेशन की विद्युत आपूर्ति सुचारू हो गई है। मीठे पानी की आपूर्ति शुरू कर दी है। पानी की टंकियां भरते ही जलापूर्ति बुधवार सुबह तक सामान्य होने की उम्मीद है।
-महासिंह बेनीवाल, अधीक्षण अभियंता, चूरू
पानी की स्थिति सामान्य रहने पर प्रतिदिन सौ कंटेनर बेचता था। सरकारी जलापूर्ति ठप होने से कंटेनरों की मांग दो-ढाई गुनी हो गई है।
-मनोहर सिंह, वाटर सप्लायर, चूरू
शहर के आधा दर्जन इलाकों में पीएचईडी का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। टैंकरों से जलापूर्ति कर लोगों की प्यास बुझाई जा रही है।
-शेषराम वर्मा, सहायक अभियंता, चूरू (शहर)
भाईजी, चार दिन सूं पाणी कोनी आयो। नहाणो-धोणो तो दूर वार्ड में पीबा का पाणी को भी टोटो है।
-खातुन, वार्डवासी, वार्ड 25
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी

Tuesday, June 2, 2009

सिर्फ आधा गिलास पानी!

आपणी योजना की पेयजल आपूर्ति बंद-सारा दारोमदार पीएचईडी पर-जिलेभर में पानी की भयंकर किल्लत-आमजन
चूरू , 2 जून। गत तीन दिन से जलदाय महकमा चूरू शहरवासियों को आवश्यकता की तुलना में आधा गिलास पानी उपलब्ध करवा रहा है। यह हालात अंधड़ के कारण दो विद्युत टावर गिर जाने से आपणी योजना के कर्मसाना पम्ंिपग स्टेशन पर जल शुद्धिकरण ठप हो जाने से पैदा हुए हैं। अगले एक-दो दिन में हालात सुधरने के भी आसार नहीं हैं। घरों में घड़े रीते पड़े हैं। कंठ सूखने लगे हैं। लोगों को पानी मोल मंगा कर गले तर करने पड़ रहे हैं। चूरू शहरवासियों को रोजाना 16 हजार किलो लीटर पानी की आवश्यकता है मगर विभाग के पास साठे आठ हजार किलो लीटर पानी से एक भी बूंद पानी अधिक नहीं है। यह साठे आठ हजार किलोलीटर पानी भी विभाग को अपने 98 स्थानीय कुओं और टयूबवैलों से प्राप्त हो रहा है। आपणी योजना की पेयजल आपूर्ति तीन दिन से बंद है। ऐसे में शहरवासियों को भयंकर पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की प्यास बुझाने के लिए विभाग की ओर से शहर में तीन टैंकर २४ घंटे दौड़ाए जा रहे हैं जो कि क्षेत्रफल और आवश्यकता की तुलना में ऊंट के मूंह में जीरा समान है। शहरवासियों के हलक पूरी तरह से तर नहीं हो पा रहे हैं।
खाली हो गई टंकियां
फिलहाल आपणी योजना और पीएचईडी की पेयजल टंकियां खाली हो गई है। पीएचईडी के जलस्त्रोतों से पानी उपलब्ध होने के साथ-साथ ही सप्लाई किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि शहर के सभी वार्डों में थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ा जा रहा है जबकि हकीकत कुछ अलग है। कई वार्डों को तीन दिन से पानी नहीं मिल रहा है।
अंधड़ कोढ़ में खाज
गर्मियों में आपणी योजना और पीएचईडी मिलकर भी शहरवासियों को पूरा पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे में आपणी योजना की पेयजल आपूर्ति ठप होना विभाग के लिए कोढ़ में खाज साबित हुआ है।
गरीबों के कैसे हों हलक तर
पेयजल किल्लत से गरीब तबका बेहद परेशान है। हालांकि विभाग टैंकरों से पानी की सप्लाई कर समस्या का समाधान करने दावा कर रहा है मगर प्रति टैंकर के दो सौ 21 रुपए देना गरीबों के बस की बात नहीं है। यह राशि क्षेत्रवासियों को सामूहिक एकत्र कर चुकानी होती है। हैसियत वाले ही पूरा टैंकर स्वयं मंगा रहे हैं।
---आपणी योजना की पेयजल आपूर्ति बंद है। विभाग के स्थानीय जलस्त्रोतों से काम चलाया जा रहा है। शहर में कहीं भी पेयजल आपूर्ति बंद नहीं है। थोड़ा-थोड़ा पानी सभी इलाकों में दिया जा रहा है। इसके अलावा शहर में तीन टैंकर भी 24 घंटे उपलब्ध हैं।-पीएल वर्मा, एक्सईएन, पीएचईडी, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी