Saturday, June 6, 2009

खिलाने से पहले छीना निवाला

राजगढ़ के 18 गांवों में परोसना था पोषाहार
चूरू, 6 जून। सरकारी आदेशों की बानगी तो देखिए कि जिले के अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में मिड डे मील के तहत भोजन परोसने का कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया। पोषाहार कार्यक्रम जिले की राजगढ़ तहसील के उन 18 गांवों में शुरू किया जाना था, जिनमें फरवरी माह में ओलावृष्टि हुई थी। ओलावृष्टि से रबी की फसलों में हुए भारी नुकसान के कारण सभी गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। सूत्रों के अनुसार दो जून 09 को मिड डे मील कार्यक्रम के शासन सचिव ने चूरू जिले के अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार परोसने का आदेश जारी किया था। तीन जून को जिलास्तरीय अधिकारियों ने आदेश की पालना की तैयारी भी शुरू कर दी लेकिन इसी दिन प्राप्त हुए शासन सचिव के एक अन्य आदेश की पालना में कार्यक्रम बंद कर दिया गया।
अभावग्रस्त गांव
राजगढ़ तहसील के नेशल, भैंसली, बीराण, सुलखणियां बड़ा, बास किरताण, खुंडियाबास, बास भरीण्ड, किरताण, नंदा का बास, बास चनानी, बांगड़वा, बेवड़, भरीण्ड, गुगलवा, नवां, हमीरवास व बास लालङ्क्षसह के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पोषाहार खिलाया जाना था।
प्रयास ही नहीं किए
छुट्टियों में अभावग्रस्त गांवों के विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार नहीं खिलाने पर अफसरों का तर्क है कि गर्मी के कारण बच्चे पोषाहार खाने के लिए स्कूल ही नहीं आएंगे। यह बात दीगर है कि बच्चों को स्कूल तक लाने के प्रयास ही नहीं किए गए।अन्य जिलों से मिली सूचनाओं के आधार पर ग्रीष्मवकाश में बच्चे पोषाहार खाने के लिए स्कूलों में नहीं आ रहे हैं। इसलिए कार्यक्रम शुरू नहीं किया जा सका।
-बीआर डेलू, सीईओ, जिला परिषद, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी

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