Monday, June 14, 2010

लिंग्वा लैब सिखाएगी अंगे्रजी

शिक्षा संभाग मुख्यालयों पर होगी सुविधा
निदेशालय ने बनाया प्रस्ताव

चूरू।
नए शिक्षा सत्र में सरकारी विद्यालयों के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकेंगे। इसके लिए बच्चों को अलग से इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सब लिंग्वा लैब से संभव होगा। शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा संभाग मुख्यालय पर एक-एक लिंग्वा लैब खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत खुलने वाली लिंग्वा लैबों के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया गया है। तीस जून से पूर्व समस्त प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को भिजवाए जाएंगे। सब कुछ ठीक रहा तो नए शिक्षा सत्र में सभी लिंग्वा लैब शुरू हो जाएंगी। प्रत्येक लैब में एक साथ कम से कम तीस विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
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राज्य में सात लैब
शिक्षा संभाग मुख्यालय चूरू, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर व अजमेर पर स्थित माध्यमिक विद्यालय में लिंग्वा लैब खोली जाएंगी। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही विद्यालय का चयन किया जाएगा। लैब में संबंधित विद्यालय समेत आस-पास के कई सरकारी विद्यालयों के बच्चे अंगे्रजी बोलने का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंंगे।
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ऐसे सही होगा उच्चारण
लैब में जरूरत के हिसाब से विभिन्न विशेष मशीनें उपलब्ध करवाई जाएगी। जिनमें रिकॉर्डर की भी सुविधा होगी। विद्यार्थी मशीन के सामने बैठकर अंग्रेजी में बोले गए शब्दों व वाक्यों को हैडफोन के जरिए फिर से सुन सकेंगे। साथ ही मशीन अंग्रेजी में बात भी करेगी, जिससे विद्यार्थी अपना उच्चारण सुधार सकेंगे।
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इनका कहना...
शिक्षा में नवाचारों के तहत लिंग्वा लैब खोलने की योजना तैयार कर ली है। लैब के प्रस्ताव इसी माह केन्द्र सरकार को भेजे जाएंगे। नए शिक्षा सत्र से लैबों की शुरुआत की उम्मीद है। योजना सफल रही तो अन्य विद्यालयों में भी इसे लागू करने पर विचार करेंगे।

-भास्कर ए सावंत, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर

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