Monday, July 12, 2010

कल्याण की राह में अधिकारी रोड़ा

[सशस्त्र झण्डा दिवस आज] झण्डा दिवस के ध्वज व स्टीकरों के लाखों बकाया
चूरू। शहीदों की शहादत पर गर्व महसूस करने वाले अधिकारी ही उनके परिवार और आश्रितों के कल्याण की राह में बाधा बने हुए हैं। बात भले ही गले नहीं उतर रही हो, परन्तु सरकारी कार्यालयों में धूल फांकते सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के स्टीकर और ध्वज देख इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। आलम यह है कि अधिकांश अधिकारी शहीदों के आश्रितों को संभल प्रदान करने मेंं कतई गंभीर नहीं है। झण्डा दिवस के मौके पर पत्रिका टीम ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय के रिकॉर्ड खंगाले तब अधिकारियों का यह दूसरा चेहरा सामने आया।
जिलेभर में 63 अधिकारी शहीदों के आश्रितों के कल्याण के 11 लाख 62 हजार 750 रुपयों पर कुंडली मारे बैठे हैं। अधिकारियों को इस राशि के स्टीकर और ध्वज 1996 से 2009 के दौरान वितरित किए गए थे। ऐसे में अधिकारियों के भरोसे शहीदों के परिवारों का मनोबल बढ़ाने की सोचना बेमानी होगा। हालांकि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जिलेभर के 96 अधिकारियों को 100 से 6000 स्टीकर व ध्वज वितरित किए जाएंगे। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो इस साल के स्टीकरों और ध्वज को भी सरकारी कार्यालयों में धूल फांकने में देर नहीं लगेगी।

बढ़ता बकाया का आंकड़ा
वर्ष ---------बकाया
1996-------- 2000
1997-------- 2000
1998-------- 500
1999-------- 2300
2000-------- 1200
2001-------- 400
2003-------- 13000
2004-------- 3000
2005-------- 5700
2006-------- 26920
2007-------- 43600
2008-------- 476800
2009-------- 585330
कुल----------11,62,750

सर्वाधिक लापरवाह डीटीओ
कल्याण की राह में रोड़ा बनने वाले अधिकारियों में बकाया के लिहाज से जिला परिवहन अधिकारी पहले पायदान पर हैं। डीटीओ पर वर्ष 2008 के एक लाख 97 हजार रुपए तथा वर्ष 2009 के दो लाख 25 हजार रुपए बकाया हैं। पीएचईडी के एसई व एसपी पर बकाया का आंकड़ा एक लाख को पार कर चुका है। बकाया के मामले में अन्य अधिकारियों की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है।

क्या झण्डा दिवस
देश की आन, बान और शान के लिए जान की बाजी लगाने वाले शहीद की याद और सेवारत सैनिकों के साथ राष्ट्र की एकजुटता दर्शाने के उदे्श्य से प्रतिवर्ष सात दिसम्बर को देशभर में झण्डा दिवस मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न विभागों को विशेष प्रकार के ध्वज व स्टीकर वितरित किए जाते हैं। जिन्हें वाहनों पर लगाकर या जन समूह को वितरित कर राशि जुटाई जाती है। यह राशि जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के माध्यम से अमल गमैटेड फण्ड में भेजी जाती है। जिसका उपयोग युद्ध विकलांग एवं शहीदों के परिवारों का पुर्नवास, सेवानिवृत व सेवारत सैनिकों एवं उनके परिवारों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं में किया जाता है।

यूं जमा होगी राशि
इस वर्ष प्रति स्टीकर दस रुपए तथा प्रति वाहन पताका (ध्वज) पचास रुपए निर्धारित किए गए हैं। स्टीकर व ध्वज से एकत्रित की गई राशि अधिकारियों को नकद, ड्राफ्ट या चेक के माध्यम से जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय में जनवरी तक जमा करानी होगी।

अधिकारियों के वेतन में से काटेंगे
इस वर्ष स्टीकर एवं ध्वज का वितरण करने के एक माह ही इसकी समीक्षा की जाएगी। वर्षों पुराने बकाया की भरपाई संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन में से काटकर करेंगे। इस बार बचे हुए स्टीकर व ध्वज को कार्यालय में रखने की बजाय सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय वापस लौटा देंगे।
-विकास एस भाले, जिला कलक्टर एवं जिला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष, चूरू

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