Friday, September 17, 2010

सरपंची के फेर में बच्चे हुए जवां

दो सरपंचों समेत तीन के निर्वाचन अवैध घोषित करने की सिफारिश
शिकायत की जांच में हुआ खुलासा, जन्मतिथि के बनाए फर्जी दस्तावेज

चूरू। जिले में दो सरपंच और एक उप सरपंच की पंचायती छिनने के आसार हैं। जिला प्रशासन ने तीनों के निवार्चन अवैध घोषित करने की आलाधिकारियों को सिफारिश की है। तीनों पर चुनाव घोषणा पत्र में संतान संबंधित वास्तविक तथ्य छिपाने का आरोप है। पंचायत चुनाव के बाद जिला प्रशासन को मिली शिकायतों की जांच में तीनों को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है।
तीनों ने अपनी पंचायती चलाने के लिए न केवल अपने बच्चों की वास्तविक उम्र काफी बढ़ा दी बल्कि नई जन्मतिथि के फर्जी दस्तावेज भी तैयार करवा लिए। शिकायतों की गहन जांच के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने संभागीय आयुक्त बीकानेर को सरदारशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मेहरासर चाचेरा की सरपंच सुवा कंवर, पिचकराई ताल की सरपंच मंजू देवी पारीक और चूरू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जसरासर के वार्ड पंच पूर्णाराम के निर्वाचन को अवैध घोषित करने की सिफारिश की है। इनके अलावा सुजानगढ़ व सादुलपुर पंचायत समिति के एक-एक सरपंच के खिलाफ जांच जारी है।

केस-एक
सरदारशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मेहरासर चाचेरा की सरपंच सुवा कंवर ने अपनी पांचवीं संतान पुत्र भूपेन्द्र उर्फ भवानी सिंह की वास्तविक जन्मतिथि छिपाई है। शिवाजी पब्लिक शिक्षण संस्थान मेहरासर चाचेरा और नेहरू बाल निकेतन उप्रावि भोजरासर के रिकॉर्ड में भूपेन्द्र की जन्मतिथि 5 दिसम्बर 1999 है जबकि सुवा कंवर ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जन्मतिथि 21 अप्रेल 94 अंकित की गई है।

केस-दो
सरदारशहर तहसील की ग्राम पंचायत पिचकराईताल की सरपंच मंजू देवी पारीक ने अपनी चौथी संतान पुत्र आनंद की जन्मतिथि में हेरफेर किया है। चुनाव घोषणा पत्र में आनंद की जन्मतिथि ग्राम पंचायत से जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर 10 दिसम्बर 1991 अंकित की गई है। जबकि जन्म प्रमाण पत्र चुनाव के बाद 18 फरवरी 2010 को जारी करवाया गया। रामावि और ज्ञान ज्योति उप्रा शिक्षण संस्थान बरजांगसर के रिकॉर्ड के मुताबिक आनंद की जन्मतिथि 4 दिसम्बर 1996 है।

केस-तीन
तीसरा मामला चूरू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जसरासर के वार्ड पंच पूर्णाराम के निर्वाचन का है। पूर्णाराम बाद में उप सरपंच चुन गए थे। इन्होंने चुनाव घोषणा पत्र मेंं अपनी छठी संतान पुत्री गायत्री का जन्म 6 अपे्रल 198 5 व सातवीं संतान पुत्री बनारसी का जन्म 13 अप्रेल 198 8 को होना बताया है। जबकि गांव धीरावास के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक गायत्री की वास्तविक जन्मतिथि 15 सितम्बर 1998 व बनारसी की जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1999 है।

इनकी जांच जारी
इनके अलावा सुजानगढ़ पंचायत समिति की गोपालपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच अमराराम मेघवाल व सादुलपुर ग्राम पंचायत के सरपंच न्यांगल छोटी के निर्वाचन पर भी तलवार लटक रही है। जिला प्रशासन को दोनों सरपंचों के खिलाफ संतान सम्बन्धित तथ्य छुपाने की शिकायत मिली है। जिसकी संबंधित विकास अधिकारी से जांच करवाई जा रही है।
क्या है नियम
राजस्थान पंचायत राज निर्वाचन नियम 1994 में निर्धारित तिथि 27 नवम्बर 1995 के बाद किसी के तीसरी संतान पैदा होने पर वह चुनाव लडऩे का अपात्र हो जाता है। इसके बावजूद अगर चुनाव जीतता है तो शिकायत मिलने पर उसका निर्वाचन अवैध घोषित किया जा सकता है।

इनका कहना है...
दो सरपंच व एक उप सरपंच के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की बीडीओ व बीईईओ से विस्तृत जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर तीनों के निर्वाचन को अवैध घोषित किए जाने की संभागीय आयुक्त को सिफारिश की गई है। दो सरपंचों के खिलाफ प्राप्त शिकायत की जांच जारी है।
-अबरार अहमद, सीईओ, जिला परिषद चूरू

3 comments:

  1. बेहद शर्मनाक वाकया ,ऐसे लोग गांव के लोगों की सेवा क्या करेंगे जिनकी फितरत ही झूठी हो ,ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ये समाज के अपराधी हैं ऐसे लोगों के वजह से समाज बर्बाद हो रहा है ...

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  2. जय कुमार झा जी, बिलकुल सही कहा आपने जिन सरपंचों का निर्वाचन ही झूठ पर टिका हो, ऐसे सरपंचों से गांव के सच्चे विकास की क्या उम्मीद की जाए। यह तो उन सरपंचों के मामले उजागर हुए हैं जिनकी किसी जागरुक नागरिक ने प्रशासन को शिकायत की है। ऐसे और भी सरपंचों की पोल खुल सकती है। बर्शत जनता को जागरूक होना होगा।

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  3. जनसेवा करने की पड़ी किसे है ...सब सिर्फ पैसा बनाने में लगे है और जब वो भी ना मिला तो अब धरने प्रदर्शन कर रहे है क्या ये है जनसेवक ?

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