Sunday, October 3, 2010

दिल्ली की नजर चूरू के मौसम पर

[कॉमनवैल्थ गेम्स] रात को भी मौसम के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं
चूरू। मौसम के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले चूरू जिले पर एक बार फिर से दिल्ली की नजर है। तीन अक्टूबर से दिल्ली में शुरू हो रहे राष्ट्रमण्डल खेलों ने चूरू के मौसम की अहमियत बढ़ा दी है। मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए दिन के साथ-साथ रात को भी मौसम के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। दिल्ली स्थित मौसम विभाग के निर्देश पर चूरू के मौसम केन्द्र में दस सितम्बर से शुरू हुई वैकल्पिक व्यवस्था बीस अक्टूबर तक जारी रहेगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार चूरू मौसम केन्द्र पर रोजाना तीन घंटे के अंतराल में तापमान, हवा का रुख, नमी और वायुदाब की जानकारी जुटाईजाएगी। सुबह और शाम को आसमान में बैलून छोड़कर छह किलोमीटर ऊपर की हवा की दिशा और रफ्तार की जानकारी जुटाई जाती है। लेकिन अब राष्ट्रमण्डल खेलों को हुए तीन घंटे की बजाय एक-एक घंटे के अंतराल में मौसम के हाल का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा दोपहर और रात को भी बैलून छोड़े जा रहे हैं।
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यह होगा फायदा
प्रदेश में चूरू स्थित मौसम केन्द्र अन्य केन्द्रों की तुलना में दिल्ली के अधिक नजदीक है। यहां पर बनने वाला मौसम तंत्र दिल्ली के मौसम को भी प्रभावित कर सकता है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में चूरू के अलावा बीकानेर, श्रीगंगानगर, जयपुर और कोटा समेत अन्य स्थानों से मौसम के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। इससे दिल्ली मौसम विभाग तीन घंटे की बजाय एक-एक घंटे के अंतराल में दिल्ली के आस-पास के मौसम का हाल बताने में सक्षम होगा।
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मुख्यालय के आदेश पर राष्ट्रमण्डल खेलों के लिए मौसम के आंकड़े जुटाने की वैकल्पिक व्यवस्था बीस अक्टूबर तक जारी रहेगी। अब तीन घंटे की बजाय प्रत्येक घंटे के अंतराल में मौसम के आंकड़े जुटाकर दिल्ली भेज रहे हैं।
-जिलेसिंह राव, प्रभारी अधिकारी, मौसम केन्द्र चूरू

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