Friday, September 4, 2009

बंद होंगे गड़बड़ी के सुराख

नरेगा में नई व्यवस्था, शुरुआत सुजानगढ़ ब्लॉक से
विश्वनाथ सैनी
चूरू, 4 सितम्बर। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) में अब सरकारी राशि का रिसाव नहीं हो सकेगा। नरेगा में भ्रष्टाचारियों की जेबें भरने वाले सुराखों का जिला प्रशासन ने तोड़ निकाल लिया है। खुद प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुके नरेगा के उन तमाम सुराखों को जल्द ही बंद किया जाएगा। इसके लिए न केवल मस्टररोल का प्रारूप बदला गया है बल्कि नरेगा कार्य के निरीक्षण के लिए तीसरी आंख की भी मदद ली जाएगी।जिला प्रशासन की नई व्यवस्था में नरेगा का मस्टररोल जारी होने से लेकर श्रमिकों के हाथ में मजदूरी पहुंचने तक का सारा काम-काज कम्प्यूटराइज होगा। नरेगा के ए- फोर साइज के नए मस्टररोल का उपयोग पहली बार आगामी पखवाड़े से सुजानगढ़ ब्लॉक में किया जाएगा। बाद में जिलेभर में इसका उपयोग होगा।

नहीं लिख सकेंगे फर्जी नाम
नरेगा के भ्रष्टाचारी नए मस्टररोल में श्रमिकों के फर्जी नाम किसी भी सूरत में दर्ज नहीं कर सकेंगे। क्योंकि मस्टररोल में अब श्रमिकों के नाम का कॉलम खाली ही नहीं मिलेगा। नया मस्टररोल जारी करने से पहले उसमें उन सभी श्रमिकों के नाम कम्प्यूटर से दर्ज किए जाएंगे, जिन्होंने नरेगा में काम की मांग की है। फिलहाल जारी होने वाले मस्टररोल में श्रमिकों के नाम के कॉलम समेत समस्त कॉलम खाली होते हैं। ऐसे में काम की मांग नहीं करने वाले श्रमिक का नाम मस्टररोल में दर्जकर भ्रष्टाचारी सरकारी राशि डकारने में कामयाब हो जाते हैं।

कांट-छांट की गुंजाइश नहीं
नए मस्टररोल में श्रमिकों के नाम, पंजीकरण संख्या, हाजिरी और मजदूरी में कांट-छांट की गुंजाइश न के बराबर है। नए मस्टररोल में हाजिरी और मजदूरी को छोड़ शेष समस्त सूचनाएं उसे जारी करने के साथ ही कम्प्यूटर से दर्ज कर दी जाएंगी। मेट को अब हाजिरी के कॉलम में 'एÓ और 'पीÓ की बजाय एक से दस तक की संख्या क्रमवार लिखनी होगी। अनुपस्थित श्रमिक के कॉलम में क्रोस लगाना होगा। भ्रष्टाचारी किसी श्रमिक की हाजिरी में गड़बड़ करना चाहेगा तो उसे समस्त श्रमिकों की क्रम संख्या में कांट-छांट करनी पड़ेगी। ऐसे में हाजिरी की गड़बड़ी आसानी से पकड़ में आ जाएगी।

हर ब्लॉक में फ्लाइंग स्क्वायड
नरेगा में मस्टररोल की नई व्यवस्था के अलावा प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक अधिकारी के नेतृत्व में फ्लाइंग स्क्वायड टीम गठित की जाएगी। खास बात यह है कि भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर फ्लाइंग स्क्वायड टीम नरेगा कार्यस्थल का निरीक्षण करने के साथ ही उसकी वीडियोग्राफी भी करेगी। इससे शिकायत की जांच को सही दिशा देने में आसानी होगी। टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी रोजाना बदलती रहेगी। टीम का नेतृत्व वह अधिकारी करेगा जो उस दिन अपने क्षेत्र में उपस्थित हो।

यह भी होगा फायदा
जिले में कार्यरत नरेगा श्रमिकों की संख्या का पता मिनटों में लगाया जा सकेगा।-मस्टररोल में श्रमिकों की पंजीकरण संख्या, अकाउण्ट नम्बर व मजदूरी लिखने में नहीं हो सकेगी गड़बड़ी।-जिले में नहीं रहेगा नरेगा का बैकलॉग।-नरेगा का बजट जारी होने में नहीं होगी देरी।-लम्बे-चौड़े मस्टररोल की घट जाएगी साइज।

इनका कहना है...
नई व्यवस्था से नरेगा की कई खामियों को दूर किया जा सकेगा। नया मस्टररोल दिल्ली एनआईसी ने काफी पहले डिजाइन किया था मगर प्रदेश के किसी भी जिले में इसे नहीं अपनाया गया। आगामी पखवाड़े से चूरू के सुजानगढ़ में पहली बार इसके तहत काम होगा।
-डा. केके पाठक,जिला कलक्टर, चूरू

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