Tuesday, September 15, 2009

सैकड़ों पद फिर भी रहेंगे खाली

नहीं मिले पदोन्नति के पात्र शिक्षक
चूरू, 15 सितम्बर। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर हजारों शिक्षकों की पदोन्नति के बावजूद समस्त पद नहीं भरे जा सकेंगे। विभाग को खाली पद भरने के लिए निर्धारित कोटेवार पात्र शिक्षक नहीं मिले हैं। अकेले बीकानेर मण्डल में शिक्षकों के करीब चार सौ पद खाली रहेंगे। हालांकि शिक्षा अधिकारियों का दावा है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। समानीकरण व शैक्षणिक व्यवस्था के चलते स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहने दी जाएगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पदोन्नति के लिए सामान्य वर्ग में 31 मार्च 1997 तथा अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में 31 मार्च 2004 तक के शिक्षकों को पात्र माना गया है। इनमें पांच साल तक के अनुभव वाले शिक्षकों को ही शामिल किया गया है।
नहीं मिले एससी-एसटी के शिक्षक
बीकानेर मण्डल में खाली रहने वाले पद सबसे अधिक एससी और एसटी कोटे के हैं। मण्डल के पांचों जिलों में एससी के 484 व एसटी के 360 शिक्षकों के खाली पदों की तुलना में पात्र शिक्षक क्रमश: 404 व 139 हैं। मण्डल में एससी कोटे के 80 व एसटी कोटे के 221 शिक्षकों के पद खाली रखने पड़ेंगे। इसके विपरित सामान्य वर्ग में पुरुष शिक्षकों के समस्त पद भरने के बावजूद सैकड़ों पात्र शिक्षक बच जाएंगे।
महिला शिक्षकों की भारी कमी
शिक्षकों के खाली रहने वालों पदों में आधे से अधिक पद महिला शिक्षकों के हैं। एससी व एसटी की महिला शिक्षकों के खाली पद मण्डल के किसी भी जिले में पूरे नहीं भरे जा सकेंगे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चूरू और श्रीगंगानगर में एससी व एसटी वर्ग में पदोन्नति की पात्र महिला शिक्षक एक भी नहीं हैं। बीकानेर में एससी के 14 व एसटी के 10 खाली पदों की तुलना में एक-एक पात्र महिला शिक्षक ही उपलब्ध हैं। हनुमानगढ़ में भी लगभग ऐसी ही स्थिति है। झुंझुनूं में एससी के 24 व एसटी के18 खाली पदों की तुलना में क्रमश: 19 व 12 पात्र महिला शिक्षक उपलब्ध हैं।
जिले-----खाली पद---पात्र शिक्षक
चूरू------690-----५००
झुंझुनूं----625------५९७
बीकानेर---543------468
हनुमानगढ़-516------४४४
श्रीगंगानगर644------६१५
योग----3018------२६२४
(इनमें सामान्य, एससी व एसटी के महिला व पुरुष शिक्षक शामिल हैं)
मण्डल में शिक्षकों की पदोन्नति के बाद भी करीब चार सौ पद खाली रहेंगे। निर्धारित कोटे के पात्र शिक्षक ही नहीं मिले तो पद कहां से भरे। हालांकि स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं आने दी जाएगी।
-बलराम मीणा, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा, चूरू
प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी

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