Wednesday, October 28, 2009

गूंज उठी शहनाइयां

घोड़ी, बैण्ड-बाजा, हलवाई, धर्मशालाएं-गेस्ट हाउस हुए बुक
चूरू, 28 अक्टूबर। देवउठनी एकादशी के साथ ही अंचल में गुरुवार से शादियों का सीजन शुरू हो गया है। देवउठनी का अबूझ सावा होने के कारण कई स्थानों पर शहनाई गूजेंगी तथा डीजे और बैण्ड के बोल सुनाई पड़ेंगे। घोड़ी, बैण्ड, टेण्ट, वाहन व धर्मशालाओं की कई महीनों तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। हलवाई, पण्डित, विवाह स्थल सजाने वाले और दुकानदारों की व्यस्तता बढ़ गई है। गुरुवार को शादियों की धूम के साथ ही तुलसी विवाह की परम्परा भी निभाई जाएगी।

आए हम बाराती...
चहुंओर सावों की धूम होने के कारण वाहन मालिकों के चेहरे खिल उठे हैं। बारात के लिए जीप, कार और बसों की कई महीनों तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। महालक्ष्मी ट्रेवल्स के राजेश जांगिड़ के अनुसार बसों का किराया कम से कम 21 सौ रुपए लिया जा रहा है। शादियों की सीजन में यात्री वाहनों की कमी होने से अन्य वाहन चालकों को भी अच्छी कमाई की उम्मीद है।

घोड़ी पर होकर सवार...
दूल्हे राजा को घोड़ी पर बैठाकर तोरणद्वार तक पहुंचाने के लिए घोड़ी मालिकों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। घोड़ी को दुल्हन की तरह सजाने के साथ ही उसकी खुराक भी बढ़ा दी गई है। घोड़ी मालिक कमल कुमार ने बताया कि घोड़ी को रोजाना तीन किलोग्राम दूध पिलाया जा रहा है तथा घी खिलाना भी शुरू कर दिया है। शादी में घोड़ी को दो घंटे तक ले जाने पर 11 सौ तथा फुल टाइम के 21 सौ रुपए लिए जा रहे हैं। छह फरवरी तक के लिए घोडिय़ों की एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं।

बहारों फूल बरसाओ...
शादियों की धूम शुरू होने से पुष्प भण्डारों पर बहार आ गई है। गजरे और फूल मालाएं तैयार करने का कार्य जोरों पर है। पुष्प भण्डार के मालिक बुद्धमल सैनी ने बताया कि सौ रुपए से दो हजार रुपए की वरमालाएं तैयार की गई हैं। देवउठनी एकादशी पर दस से पन्द्रह क्विंटल फूल बिकने की उम्मीद है। दूल्हे राजा के लिए वाहनों के सजने का सिलसिला सुबह दस बजे बाद से शुरू होगा। पांच सौ से पांच हजार रुपए तक में वाहन सजाए जाएंगे।

सजना है मुझे सजना...
शादी के मौके पर ब्यूटी पार्लरों में रौनक लौट आई है। दुल्हनें सजने-संवरने में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। दुल्हन की सहेलियों में भी उत्साह देखा जा रहा है। दूल्हा और दुल्हन के साथ-साथ सजने के लिए उनके दोस्त और परिजन भी ब्यूटी पार्लर पहुंच रहे हैं। कायाकल्प ब्यूटी पार्लर संचालक मंजू शर्मा ने बताया कि देवउठनी को कई दुल्हनों ने एडवांस बुकिंग करवाई है। दुल्हनें सजने-संवरने में ग्यारह सौ से पांच हजार रुपए तक खर्च कर रही हैं।

मुहूर्त अबूझ, सावे 22 नवंबर से
ज्योतिषाचार्य पण्डित बालकृष्ण कौशिक ने बताया कि देवउठनी एकादशी का पौराणिक महत्व के कारण इस दिन अबूझ सावों की धूम रहती है। लोग विवाह के लिए इसे खासा महत्व देते हैं। एकादशी को दोपहर 12.55 से रात 1.30 बजे तक मृत्युलोक भद्रा होने से फेरे या पाणिग्रहण संस्कार उक्त समय निकालकर ही कराया जाना बेहतर है। उन्होंने बताया कि सूर्य के वृश्चिक राशि में आने के बाद ही सावे 22 नवंबर से शुरू होंगे। फिलहाल सूर्य तुला राशि में विचरण कर रहा है।

प्रस्तुतकर्ता विश्वनाथ सैनी

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